गजब! सरकारी नौकरी की एक परीक्षा के लिए 9 साल में 10वीं बार आई तारीख, पर कन्फ्यूजन बरकरार

इस परीक्षा के लिए करीब साढ़े छह लाख युवाओं ने फॉर्म भरा है.

Update: 2024-08-14 03:30 GMT
रांची: झारखंड में सरकारी नौकर‍ियों के ल‍िए परीक्षाओं के नाम पर किस तरह का प्रहसन चल रहा है, इसका एक और उदाहरण सामने आया है। झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (जेएसएससी) ने कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा के लिए मंगलवार को नया कार्यक्रम जारी किया। नोटिफिकेशन के अनुसार, 21 और 22 सितंबर को परीक्षा ली जाएगी। लेक‍िन इस नए शेड्यूल को लेकर भी अभ्यर्थियों में कन्फ्यूजन है। क्योंकि झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन की वन सेवा, सेंट्रल एसएससी और यूपीएससी परीक्षा की तारीखें इससे टकरा रही हैं। कई परीक्षार्थी ऐसे हैं, जिन्हें इन परीक्षाओं में भी शामिल होना है।
करीब 2000 पदों के ल‍िए जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा की प्रक्रिया नौ साल से चल रही है। झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा के लिए अब तक चार बार आवेदन मंगाए, सात बार परीक्षा की तारीखें तय की और टाल दी। आठवीं बार परीक्षा शुरू भी हुई, तो पेपर लीक हो गया और प्रोसेस फिर रुक गया। नौवीं बार जेएसएसी ने अगस्त के तीसरे हफ्ते में परीक्षा लेने की डेडलाइन तय की थी, लेकिन वह इसका पालन करने में फिर फेल हो गया। इसके बाद अब दसवीं बार तारीख का ऐलान किया गया है। इस परीक्षा के लिए करीब साढ़े छह लाख युवाओं ने फॉर्म भरा है।
परीक्षा में लगातार हो रही देरी को लेकर युवाओं ने कई बार एक्स पर इसे लेकर अभियान चलाया है। जेएसएससी-सीजीएल की इस परीक्षा के जरिए सहायक शाखा अधिकारी, ब्लॉक आपूर्ति अधिकारी, ब्लॉक कल्याण अधिकारी, योजना सहायक, ब्लॉक पंचायत राज अधिकारी, सर्किल इंस्पेक्टर जैसे विभिन्न पदों पर भर्ती होनी है। वर्ष 2015 में झारखंड के तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने राज्य के विभिन्न विभागों में रिक्त पदों का डेटा बनवाया और उसके बाद जेएसएससी को परीक्षा लेने का निर्देश दिया।
साल 2016 में जेएसएससी ने सीजीएल (कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) एग्जाम के जरिए 2000 पदों पर भर्ती के लिए पहली बार विज्ञापन निकाला। परीक्षा 21 अगस्त 2016 को प्रस्तावित थी। इसके लिए 6 अगस्त को एडमिट कार्ड जारी करने की बात हुई, लेकिन अपरिहार्य कारण बताते हुए एडमिट कार्ड जारी करने के पहले ही परीक्षा स्थगित करने की सूचना जारी कर दी गई। इसके बाद कमीशन ने साल 2017-18 में होने वाली परीक्षाओं का कैलेंडर जारी किया, तो इस परीक्षा के लिए संभावित समय फरवरी-मार्च 2018 बताया गया। इस बार भी परीक्षा की तारीख नहीं आई। आयोग ने कहा कि अब नवंबर-दिसंबर 2019 में परीक्षा होगी। पर, उस समय राज्य में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी। परीक्षा फिर टाल दी गई। साल 2020 में प्रदेश में सरकार बदली। हेमंत सोरेन की अगुवाई में झामुमो-कांग्रेस-राजद की सरकार बनी।
2020 में इस परीक्षा पर कोई बात नहीं हुई। फिर, सरकार ने नए सिरे से परीक्षा कराने की बात कही। इसके बाद 5 मई 2021 की तारीख मिली। सरकार ने नियुक्ति के लिए नई पॉलिसी बनाने की बात की और परीक्षा फिर टल गई। नए सिरे से आवेदन मंगाए गए। इसके बाद मई 2022 और अगस्त 2022 में परीक्षा की तारीखें तय हुईं और अपरिहार्य कारणों से फिर परीक्षा स्थगन की सूचनाएं जारी कर दी गईं। इसके बाद 2023 में दो बार जनवरी और सितंबर में परीक्षाओं की नई तारीख जारी की गई, लेकिन पहले की तरह फिर स्थगन का नोटिस आ गया।
2024 में दो चरणों में परीक्षा लेने के लिए 28 जनवरी और 4 फरवरी की तारीखें मुकर्रर की गईं। 28 जनवरी को राज्य के 735 केंद्रों पर परीक्षा हुई, लेकिन परीक्षा देकर निकले अभ्यर्थियों के पांवों के नीचे की जमीन तब खिसक गई, जब यह उन्हें खबर मिली कि प्रश्न पत्र और आंसर की एक रात पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। आखिरकार, परीक्षा रद्द कर दी गई। कमीशन के चेयरमैन नीरज सिन्हा ने इस्तीफा दे दिया। फिर लोकसभा चुनाव की वजह से इसकी प्रक्रिया रुकी रही।
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