10वीं के छात्र का कमाल, सिर्फ 15 साल की उम्र में लिख डाली किताबे
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झारखंड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. बात चाहे खेल की हो या फिर शिक्षा की. लोहरदगा के 10वीं के छात्रा कल्याण कुमार ने मात्र 15 साल की उम्र में दो किताबें लिख डाली. "मेरी मंजिल" और "द मैजिक ऑफ वर्ड" के नाम से प्रकाशित इन किताबों में कविताओं का संग्रह है. दोनों किताबों की ई कॉमर्स साइट पर अच्छी मांग है. कलम के जादूगर कल्याण के परिवार में चार लोग हैं. कल्याण के माता-पिता और एक छोटा भाई. कल्याण लोहरदगा शहरी क्षेत्र के छतरबगीचा का रहने वाला है. और ये लिवेंस अकेडमी के 10वीं का छात्र है. कल्याण को शुरू से ही लिखने का शौक रहा है. लेकिन जब से कोरोना की दस्तक हुई, कल्याण लेखन की ओर ज्यादा ध्यान दिया. इसी साल जुलाई महीने में उसकी दो किताबें प्रकाशित हुई हैं.
कल्याण के पिता जगदीश यादव ने बताया कि उन्हें पहले किताब के बारे में पता नहीं था, जब किताब पब्लिश हुई तब पता चला. किताब में जिंदगी को प्रेरित करने वाली कविताएं हैं. कल्याण ने बताया कि उसे लिखने-पढ़ने में काफी रुचि है. वह पहले भी लिखने का प्रयास करता रहा है. लेकिन वैसा माहौल नहीं मिल पाया. लेकिन जब देश में कोरोना संकट आई और जिंदगी थम सी गयी, तो मैंने आस पास की चीजों-घटनाओं को लिखना शुरू किया. यही कविता संग्रह के रूप में किताब का शक्ल लिया है. आगे जाकर मैं लेखन के ही क्षेत्र में कुछ बड़ा करना चाहता हूं.