नई दिल्ली । अविवाहित बेटी को उच्च शिक्षा दिलाना पिता की जिम्मेदारी है। अगर बेटी पढ़ना चाहती है तो उसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। दिल्ली के एक कोर्ट ने यह टिप्पणी एक अविवाहित लड़की की याचिका मंजूर करते हुए की, जिसमें उसने पिता से उच्च शिक्षा का खर्च उठाने की मांग की थी। कड़कड़डूमा फैमिली कोर्ट ने कहा है कि बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाने का खर्च पिता को देना होगा।
अदालत ने यह भी कहा कि बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना पिता की जिम्मेदारी है, लेकिन साथ ही यह देखना भी जरूरी होता है कि पिता का इतना सामर्थ्य है या नहीं। इसकी पुष्टि के लिए कोर्ट ने एक रिपोर्ट तलब कराई थी, जिसमें पता चला कि पिता का अच्छा खासा कारोबार है। वह सिर्फ इसलिए बालिग बेटी को उच्च शिक्षा का खर्च नहीं देना चाहता था, क्योंकि बेटी मां के साथ अलग रह रही है। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह कोई आधार नहीं है। ऐसे हालात किसी वजह से ही बने होंगे जब पति-पत्नी को अलग रहना पड़ रहा है। इसके लिए लड़की को उसकी शिक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता है। पिता को उसकी उच्च शिक्षा का खर्च उठाना ही होगा। 19 वर्षीय लड़की ने याचिका में कहा है कि उसकी मां शिक्षा का खर्च उठाने में असमर्थ है। पिता जानबूझकर उसका खर्च उठाना नहीं चाहता।
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