पद्म पुरस्कार विजेता के खिलाफ यौन शोषण के आरोप, हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत
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असम: पद्म पुरस्कार विजेता के खिलाफ प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस (POCSO) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. हालांकि, आरोपी ने मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए गुवाहाटी हाईकोर्ट से अंतरिम अग्रिम जमानत प्राप्त कर ली है.
रिपोर्टों के अनुसार, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (DSLA) ने 17 दिसंबर, 2021 को इस मामले की जानकारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को दी. इसके बाद सीजेएम की शिकायत के आधार पर लखीमपुर थाना पुलिस ने आरोपी व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी और POCSO एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया.
एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी ने गिरफ्तारी से पहले जमानत की मांग करते हुए गुवाहाटी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां जस्टिस अरुण देव चौधरी ने कुछ शर्तों के साथ आरोपी को 25,000 रुपये के मुचलके पर अग्रिम जमानत दे दी.
आरोपी याचिकाकर्ता अपने थाना प्रभारी से पूर्व लिखित अनुमति के बिना इलाके को नहीं छोड़ेगा. इसके अलावा, किसी भी तरह से टेलीफोन या इंटरनेट के माध्यम से पीड़िता से संपर्क करने का प्रयास नहीं करेगा. वहीं, जांच में बाधा नहीं डालेगा, या मामले के सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा.
उच्च अदालत ने अपनी शर्तों में कहा है कि आरोपी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी पुलिस अधिकारी को मामले से जुड़े ऐसे तथ्यों का खुलासा करने से रोकने के लिए कोई प्रलोभन, धमकी या वादा नहीं करेगा. वहीं, अपना बयान दर्ज करने के लिए आरोपी को आज से 7 दिनों के भीतर उत्तरी लखीमपुर पुलिस थाने के प्रभारी और उसे जब कहा जाए तब जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा.