बता दें कि बंगाल निकाय चुनाव के दौरान 108 नगरपालिकाओं में कुल वोट 78.03% डाले गए हैं तथा दस जिलों में 80% अधिक वोट पड़े हैं. पूर्वी मिदनापुर में सर्वाधिक 86.15% और दार्जिलिंग में सबसे कम 53.8% फीसदी वोटिंग हुई है. मतदान के दौरान कुल 24 ईवीएम खराब हो गई थीं तथा टूटी और क्षतिग्रस्त ईवीएम की कुल संख्या 83 थी. दस हजार से ज्यादा बूथों पर वोटिंग हुई थी. चुनाव के दौरान काफी हिंसा और अशांति के आरोप लगे थे.
दूसरी ओर, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रविवार को चुनाव के दौरान हुई अशांति सोमवार को भी जारी रही. मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर में लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को घेर कर तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया है. घटना सोमवार सुबह बहरमपुर सदर अस्पताल परिसर में हुई. मिली जानकारी के अनुसार दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच तनाव की खबर मिलने पर अधीर वहां पहुचे थे, जिसके बाद उन्हें घेर कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. दोनों दलों के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए. हालांकि अधीर रंजन पुलिस और सुरक्षा के बीच थे, लेकिन तृणमूल कार्यकर्ता लगातार उनके खिलाफ नारेबाजी करते रहे. यहां तक कि भीड़ में उन्हें झाड़ू तक दिखाया गया.
दूसरी ओर, एएनआई के अनुसार लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर ओम बिरला को "पश्चिम बंगाल में नगरपालिका चुनावों के दौरान हिंसा की घटनाओं" पर पत्र लिखा और कहा कि वह "एक सांसद के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में सक्षम नहीं हैं". बता दें कि व्यापक हिंसा के आरोपों से नाराज राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य के चुनाव आयुक्त सौरभ दास से सोमवार को स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. राज्यपाल ने आयुक्त से जानना चाहा था कि इतनी अशांति क्यों हुई? राज्यपाल ने आयुक्त से कहा कि यह देखने के लिए स्थिति की बेहतर जांच करनी होगी.