भ्रष्टाचार के आरोपों पर पार्टी द्वारा नोटिस भेजे जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जनता दल (यूनाइटेड) से इस्तीफा दे दिया है. जनता दल (यूनाइटेड) ने शनिवार को आरसीपी सिंह को 'अचल संपत्तियों में विसंगतियों' को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया और उन्हें जल्द से जल्द अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा. इस्तीफा देने के बाद आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार कभी पीएम नहीं बन पाएंगे.
उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी सिंह ने 1990 के दशक के अंत में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए नीतीश कुमार का विश्वास जीता था. नीतीश कुमार तब केंद्रीय मंत्री थे. आरसीपी सिंह ने राजनीति में आने के लिए 2010 में वीआरएस लिया था. नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री के रूप में पहले पांच वर्षों के दौरान आरसीपी सिंह ने उनके प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया था.
बीते कुछ महीनों से आरसीपी सिंह की अपनी ही पार्टी जेडीयू से खास बन नहीं रही थी. कहा जा रहा था कि आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार की सहमति के बिना मंत्री पद स्वीकार कर लिया, जो सहयोगी दलों के लिए भाजपा की सांकेतिक प्रतिनिधित्व की नीति के विरोध में था. बिहार के मुख्यमंत्री की नाखुशी जल्द ही स्पष्ट हो गई जब आरसीपी सिंह को पार्टी प्रमुख का पद छोड़ने के लिए कहा गया. एक और राज्यसभा कार्यकाल से इनकार करने के कारण उन्हें अपना कैबिनेट बर्थ खोना पड़ा.