कैबिनेट मंत्री, लोकल विधायक समेत सभी 74 आरोपी बरी, ये है मामला

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Update: 2022-01-12 15:09 GMT

मुरादाबाद: यूपी में मुरादाबाद की एक विशेष अदालत ने 2014 में एक प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों पर हमला करने के आरोप से यूपी के कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी और एक स्थानीय विधायक समेत सभी 74 आरोपियों को बरी कर दिया है। कांठ थाना क्षेत्र के एक दलित मंदिर से लाउडस्पीकर उतारने पर मुरादाबाद प्रशासन के खिलाफ तत्कालीन विपक्षी दल भाजपा ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। यहां एमएलए-एमपी अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीत कुमार गुप्ता ने सबूतों के अभाव में जमानत पर चल रहे सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (एडीजीसी) मनीष भटनागर ने कहा कि अदालत के आदेश का अध्ययन करने के बाद अगर जरूरी हुआ तो अभियोजन पक्ष ऊपरी अदालत का रुख करेगा। जून 2014 में पुलिस ने कांठ इलाके के मुस्लिम बहुल अकबरपुर गांव से दलित मंदिर से लाउडस्पीकर उतार दिया था। इसके खिलाफ चार जुलाई 2014 को भाजपा ने महापंचायत बुलाई थी। हालांकि यूपी सरकार ने इसपर रोक लगा दी थी। इसी दौरान यह घटना हुई थी।
भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और हवा में गोलियां चलाईं जिसके बाद झड़पें शुरू हुईं। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से किए गए पथराव में तत्कालीन जिलाधिकारी के सिर में गंभीर चोटें आई थीं। हालांकि पुलिस भीड़ को रेल की पटरियों से खदेड़ने में सफल रही थी, जहां सैकड़ों लोगों ने घंटों तक रास्ता बाधित किया था, जिससे ट्रेन सेवा प्रभावित हुई थी। अभियोजन पक्ष ने सुनवाई के दौरान विशेष अदालत के समक्ष तत्कालीन जिलाधिकारी समेत 24 गवाह पेश किए लेकिन आरोपियों का दोष साबित नहीं कर सके। उप्र में 2017 में भाजपा की सरकार बनी तो भूपेंद्र सिंह चौधरी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
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