गुजारा भत्ता, सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम तलाकशुदा महिला की याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला

Update: 2024-02-19 12:17 GMT
दिल्ली। क्या मुस्लिम तलाकशुदा महिला भी CrPC की धारा 125 के तहत पति से गुजारा भत्ते की हकदार है? इस मामले में दंड प्रक्रिया संहिता लागू होगी या पर्सनल लॉ के तहत फरियाद की जाय? सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया. मुस्लिम पर्सनल लॉ से तलाकशुदा मुस्लिम महिलाएं CrPC धारा 125 के तहत भरण-पोषण का दावा करने की हकदार हैं या नहीं? सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस मुद्दे पर स्पष्टता लाएगा.

सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में तय करेगा कि तलाकशुदा मुस्लिम महिला CrPC के तहत गुजारा भत्ता मांग सकती है या नहीं? क्योंकि अब तक पर्सनल लॉ के आधार पर बनाए गए कानून की भी बात थी, जिसमें तलाक हो जाने के बाद इद्दत यानी एकांतवास की 90 से 130 दिन की अवधि तक ही मुस्लिम महिलाएं अपने पूर्व शौहर से गुजारा भत्ता पाने को हकदार हैं.

सुप्रीम कोर्ट इस पर विचार करेगा कि इस तरह के मामलों मे CrPC प्रभावी होगी या मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम,1986 लागू होगा. जस्टिस बी वी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

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