प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा है कि उन्होंने मान लिया है कि अखिलेश यादव ही सपा के 'नए नेताजी' हैं. इतना ही नहीं शिवपाल यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद ही सपा और प्रसपा के बीच सीटों का बंटवारा तय हो जाएगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि वे बस ये चाहते हैं कि उनकी पार्टी के जीतने वाले उम्मीदवारों को टिकट मिल जाए. दरअसल, 2018 में शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव से मनमुटाव के बाद सपा से अलग होकर नई राजनीतिक पार्टी प्रसपा का गठन किया था. शिवपाल इससे पहले मुलायम सिंह यादव को ही सपा का नेताजी बताते रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से जुड़े तमाम मुद्दों पर शिवपाल यादव ने आजतक से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा, हां मैंने मान लिया है कि सपा के नए नेताजी अखिलेश यादव ही हैं, मैं चाहता हूं कि वे मुख्यमंत्री बनें. शिवपाल यादव ने कहा, मैंने ही उन्हें ट्रेनिंग दी है. लेकिन अब वे परफेक्ट हो गए हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सपा और प्रसपा ने गठबंधन का ऐलान किया है. हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव की मुलाकात हुई थी. मुलाकात में क्या क्या बातचीत हुई, इस सवाल के जवाब में शिवपाल यादव ने कहा, मैंने अखिलेश यादव को बुलाया नहीं था, हमारी फोन पर बात हुई थी. अखिलेश यादव आए थे. अखिलेश यादव के साथ परिवार के सभी सदस्यों ने मुलाकात की. मैंने उन्हें मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद भी दिया. शिवपाल ने माना कि उनके और अखिलेश के दिल मिल गए और दोनों के बीच की दूरी भी घट गई है.
शिवपाल यादव ने कहा, इस दौरान सीटों पर कोई बात नहीं हुई. अभी बैठकें होंगी. चुनाव के ऐलान के बाद हम मिलकर बात करेंगे. सीटों के बंटवारे को लेकर कोई अड़ंगा बीच में नहीं आएगा. हम इस पर राजी हो गए हैं. हमारी मांग है कि जीतने वाले उम्मीदवारों को टिकट दे दीजिए. अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाना है. इसपर अखिलेश तैयार हो गए. शिवपाल यादव ने कहा, हमने पुरानी बातों को खत्म कर दिया गया. हमने सपा में 40-45 साल काम किया है. बहुत से आंदोलन हुए हैं. कई लोग इसमें शहीद भी हुए हैं. फैसला लिए जाते हैं, पार्टी को आगे बढ़ाना है, तो त्याग और संघर्ष करने पड़ते हैं. मेरे अंदर कोई मलाल नहीं है. बस सिर्फ हम अपनी बात रख देंगे. सलाह दे देंगे. फैसला अखिलेश जो भी लेंगे, हम मानने के लिए तैयार हैं.