बसपा प्रमुख पर बीजेपी विधायक के कमेंट का अखिलेश यादव ने किया विरोध, मायावती ने जताया आभार

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Update: 2024-08-24 09:04 GMT
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक के बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ एक डिबेट के दौरान टिप्पणी का मामला तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। इसको लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा को घेरा है। इसके बाद बसपा मुखिया मायावती ने अखिलेश यादव का आभार जताया है।
समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती के खिलाफ भाजपा के एक विधायक की आपत्तिजनक टिप्पणी पर पार्टी को घेरते हुए कहा है कि सार्वजनिक रूप से दिये गये इस वक्तव्य के लिए विधायक पर मानहानि का मुकदमा होना चाहिए।
सपा मुखिया अखिलेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि उप्र के एक भाजपा विधायक द्वारा उप्र की एक भूतपूर्व महिला मुख्यमंत्री जी के प्रति कहे गये अभद्र शब्द दर्शाते हैं कि भाजपाइयों के मन में महिलाओं और खासतौर से वंचित-शोषित समाज से आनेवालों के प्रति कितनी कटुता भरी है।
उन्होंने लिखा कि राजनीतिक मतभेद अपनी जगह होते हैं, लेकिन एक महिला के रूप में उनका मान-सम्मान खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। भाजपाई कह रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर हमने गलती की थी, ये भी लोकतांत्रिक देश में जनमत का अपमान है और बिना किसी आधार के ये आरोप लगाना कि वो सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री थीं, बेहद आपत्तिजनक है। भाजपा के विधायक पर सार्वजनिक रुप से दिये गये इस वक्तव्य के लिए मानहानि का मुकदमा होना चाहिए।
सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा ऐसे विधायकों को प्रश्रय देकर महिलाओं के मान-सम्मान को गहरी ठेस पहुंचा रही है। अगर ऐसे लोगों के खिलाफ भाजपा तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करती है तो मान लेना चाहिए, ये किसी एक विधायक का व्यक्तिगत विचार नहीं है बल्कि पूरी भाजपा का है।
उधर, बसपा प्रमुख मायावती ने सपा मुखिया को जवाब देते हुए कहा कि सपा मुखिया ने मथुरा जिले के एक भाजपा विधायक को उनके गलत आरोपों का जवाब देकर बीएसपी. प्रमुख के ईमानदार होने के बारे में सच्चाई को माना है, उसके लिए पार्टी आभारी है।
उन्होंने कहा कि पार्टी को भाजपा के इस विधायक के बारे में ऐसा लगता है कि उसकी अब भाजपा में कोई पूछ नहीं रही है। इसलिए वह बसपा प्रमुख के बारे में अनाप-शनाप बयानबाजी कर सुर्खियों में आना चाहता है, जो अति-दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा को चाहिए कि वह उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे और यदि वह दिमागी तौर पर बीमार है तो उसका इलाज भी जरूर कराए, वरना इसके पीछे बीजेपी का कोई षडयन्त्र ही नजर आता है, यह कहना भी गलत नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा अपने विधायक के खिलाफ कोई भी सख़्त कार्रवाई नहीं करती है तो फिर इसका जवाब पार्टी के लोग अगले विधानसभा चुनाव में उसकी ज़मानत जब्त करा कर तथा वर्तमान में होने वाले 10 उपचुनावों में भी इस पार्टी को जरूर देंगे।
गौरतलब हो कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने समाचार चैनल का जो वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है, उसमें मथुरा जिला स्थित मांट क्षेत्र के विधायक राजेश चौधरी बोल रहे हैं कि मायावती जी चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है और पहली बार भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था। इसके बाद चौधरी कह रहे हैं, उत्तर प्रदेश में यदि कोई भ्रष्ट मुख्यमंत्री हुआ तो उसका नाम है मायावती।
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