इसके अलावा उन्होंने कहा कि बुनियादी सवाल वही है। आज भी खाद नहीं है, डीएपी नहीं है। वे किसानों के धान की कीमत नहीं दे पाए। अगली फसल की कोई तैयारी नहीं है। बिजली महंगी है। नौकरी, रोजगार के लिए लोगों को धरने पर बैठना पड़ रहा है। जो लोग 'वन नेशन, वन इलेक्शन', का दावा करते हैं, वे परीक्षा नहीं करा पा रहे हैं। इन्होंने रिकॉर्ड परीक्षा कराने का दावा किया था। रिकॉर्ड परीक्षाओं में 30 प्रतिशत बच्चों की परीक्षा छूट गई थी। ये वही लोग हैं जो परीक्षा टालते हैं। अखिलेश यादव ने झांसी की घटना पर कहा कि ये दुखद है कि इस तरह की घटना आज के समय पर हो रही है। इन्हें तभी सतर्क हो जाना चाहिए था, जब गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की जान गई थी। जब कभी भी ये लोग निरीक्षण पर जाते हैं या औचक निरीक्षण करते हैं तो पूरे इंतजाम सही मिलते हैं, लेकिन जैसे ही अधिकारी या मंत्री हटते हैं, अस्पताल वैसे ही हो जाते हैं। क्या सरकार ने पर्याप्त बजट दिया था?, सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए थे? यह लापरवाही और सरकार की नजरअंदाजी की वजह से 10 नवजातों की जान गई है और इतना बड़ा नुकसान हुआ है।
अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पहले थोड़ा डरे हुए लग रहे थे, जैसे-जैसे उपचुनाव करीब आ रहे हैं वो थोड़ा हिले हुए दिखाई दे रहे हैं। जनता उनके खिलाफ खड़ी है। ये लोग जो भाषा इस्तेमाल कर रहे हैं, ये अंग्रेजों की भाषा थी।