शरद पवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस से अजित पवार ने बनाई दूरी, पार्टी ने दी सफाई

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Update: 2023-05-05 16:25 GMT
नई दिल्ली। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के दबाव में पार्टी के अध्यक्ष पद से हटने का अपना फैसला वापस लेने का निर्णय किया है। उत्तराधिकारी के चुनाव के लिए उनके द्वारा चुनी गई पार्टी समिति ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि पवार को पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहिए। इसके घंटों बाद शरद पवार ने कहा, ‘‘मैं आपकी भावनाओं का निरादर नहीं कर सकता। आपके प्यार के कारण मैं इस्तीफा वापस लेने की आपकी मांग को स्वीकार कर रहा हूं।'' राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार द्वारा बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में उनके भतीजे एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित पवार नहीं दिखे।
शरद पवार ने दो मई को अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा की थी और अजित पवार उनके इस कदम का समर्थन करते दिखे थे। शुक्रवार की प्रेस वार्ता में अजित पवार की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर राकांपा अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, "सभी लोग सभी जगहों पर नहीं हो सकते।" उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उनके भतीजे की अनुपस्थिति पर बहुत अधिक ध्यान न दें। पवार ने कहा कि उनकी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने राकांपा की कार्यकारी अध्यक्ष बनने के पार्टी नेताओं के सुझाव को अस्वीकार कर दिया। मंगलवार को पवार के इस्तीफे की घोषणा ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को चौंका दिया था।
पत्रकार वार्ता में अजित पवार की अनुपस्थिति पर राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा, ‘‘अजित पवार उनसे (शरद पवार) इस्तीफा वापस लेने का आग्रह करने के लिए वहां मौजूद थे। पार्टी कार्यालय में निर्णय लिए जाने के बाद जब हम पवार साहब के आवास पर गए तब भी वह वहीं थे।'' इससे पहले, राकांपा समिति ने शुक्रवार को बैठक की जिसमें पार्टी नेताओं ने शरद पवार के इस्तीफे को खारिज कर दिया।
प्रस्ताव के बारे में शरद पवार को अवगत कराने के लिए उनके घर रवाना होने से पहले राकांपा उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने संवाददाताओं से कहा, “पवार ने पार्टी के अध्यक्ष पद से हटने की इच्छा व्यक्त की। हम सर्वसम्मति से इस्तीफे को खारिज करते हैं। हमने एक प्रस्ताव पारित किया है कि हम उनसे पार्टी अध्यक्ष के रूप में बने रहने का अनुरोध करेंगे।'' चार दिन तक चला इस्तीफा संबंधी नाटक मीडिया में हाल में आईं इन खबरों के बाद हुआ कि राकांपा विधायकों का एक तबका भाजपा में शामिल होने के लिए अजित पवार के साथ पार्टी छोड़ने की योजना बना रहा है। इसके बाद अजित पवार ने कहा था कि वह कभी पार्टी नहीं छोड़ेंगे।
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