एयर इंडिया दोबारा अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भी भारत का झंडा जरूर ऊंचा करेगी: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
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नई दिल्ली: एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया पूरी होने और एयरलाइन की पूरी कमान टाटा संस को सौंपे जाने के बाद केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इस विनिवेश से आम नागरिकों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगीं। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि टाटा का घराना जिसने नागर विमानन की शुरुआत की थी, वही टाटा का घराना एयर इंडिया में एक बार फिर वही फुर्ती लाएगा।
टाटा के स्वामित्व में तेजी से आगे बढ़ेगी
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने अपने कहा कि एयर इंडिया दोबारा अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भी भारत का झंडा जरूर ऊंचा करेगी। इससे पहले गुरुवार को एयर इंडिया का हैंडओवर पूरा होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट के माध्यम से कहा था कि एयर इंडिया नये स्वामित्व के अंतर्गत तेजी से आगे बढ़ेगी और एयरलाइन भारत में एक सफल तथा मजबूत विमानन क्षेत्र का मार्ग प्रशस्त करेगी। सिंधिया ने ट्विटर पर लिखा था कि वास्तव में यह महत्वपूर्ण है कि एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से सफलतापूर्वक निष्कर्ष पर लाया गया है।
69 साल बाद एयर इंडिया की घर वापसी
गौरतलब है कि गुरुवार को एयर इंडिया की कमान पूरी तरह से टाटा समूह को सौंप दी गई। इसके साथ ही एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई यानी 69 साल बाद एयर इंडिया की घर वापसी हो गई। दीपम सचिव तुहीन कांत पांडेय ने कहा कि एयर इंडिया में सरकार की पूरी हिस्सेदारी टाटा संस की सब्सिडियरी कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर कर दी गई है। अब से एयर इंडिया का नया मालिक टाटा ग्रुप है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले एन चंद्रशेखरन
इस आधिकारिक हैंडओवर से पहले टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद चंद्रशेखरन सीधे नई दिल्ली में एयर इंडिया के ऑफिस पहुंचे थे। इस मौके पर टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा था कि यह प्रक्रिया पूरी हो गई है। एयर इंडिया की घर वापसी से हम काफी खुश हैं। अब हमारी कोशिश इस एयरलाइन को वर्ल्ड क्लास बनाने की है।
1932 में भरी थी एयर इंडिया ने पहली उड़ान
एयर इंडिया के इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत अप्रैल 1932 में हुई थी। इसकी स्थापना उद्योगपति जेआरडी टाटा ने की थी। उस समय एयरलाइन का नाम टाटा एयरलाइंस था। इसके साथ ही आपको बता दें कि एयरलाइन की पहली कॉमर्शियल उड़ान 15 अक्तूबर 1932 को भरी गई थी। तब सिर्फ सिंगल इंजन वाला 'हैवीलैंड पस मोथ' हवाई जहाज था, जो अहमदाबाद-कराची के रास्ते मुंबई गया था। प्लेन में उस वक्त एक भी यात्री नहीं था बल्कि 25 किलो चिट्ठियां रखी गई थीं।