एयर इंडिया की न्यूयॉर्क दिल्ली फ्लाइट में बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा को दिल्ली की अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस बीच शंकर मिश्रा के सहयात्री डॉ. सुगाता भट्टाचर्जी ने पीटीआई के साथ बातचीत में पूरी घटना बताई है। डॉ. सुगाता ने घटना की एयर इंडिया से लिखित शिकायत भी की थी। डॉ. सुगाता का कहना है कि घटना के वक्त आरोपी शंकर मिश्रा अपने होशोहवास में नहीं था।
डॉ. सुगाता भट्टाचर्जी पेशे से डॉक्टर हैं और अमेरिका में प्रैक्टिस करते हैं। जिस फ्लाइट में यह घटना घटी, उस फ्लाइट में डॉ. सुगाता भी सवार थे और आरोपी शंकर मिश्रा के बगल में बैठे हुए थे। घटना के बारे में बताते हुए डॉ. सुगाता ने बताया कि 'फ्लाइट में शंकर मिश्रा ने लंच के दौरान शराब के 4 पैग पिए थे। जिसके बाद मैंने फ्लाइट के एक क्रू मेंबर को अलर्ट भी किया था कि वह उस पर नजर रखें।'
डॉ. सुगाता ने आरोप लगाया कि फ्लाइट के क्रू मेंबर्स ने नियमों का पालन नहीं किया। साथ ही पीड़ित महिला को घटना के बाद शंकर मिश्रा से बात करने के लिए कहा गया जबकि यह असभ्य कृत्य एक अपराध है। उन्होंने कहा कि 'यह एक शारीरिक उत्पीड़न है और जब यह हुआ तो किसी को भी इसमें मध्यस्थता नहीं करनी चाहिए थी। मैं बहुत नाराज था। मुझे उससे परवाह नहीं कि शराब के नशे में किसी व्यक्ति ने क्या किया क्योंकि वह अपने होश में नहीं था लेकिन जिन लोगों के पास अधिकार थे, उन्होंने इस मामले में कोई सहानुभूति नहीं दिखाई। एक विमान में पायलट चीफ होता है लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया'।
उन्होंने एयर इंडिया को दी अपनी शिकायत में बताया कि घटना के बाद क्रू मेंबर ने उसी सीट को साफ किया और पीड़ित महिला को वापस उस गीली सीट पर बैठने को कहा गया, जबकि फर्स्ट क्लास में 4 सीटें खाली थी। कई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर का पालन नहीं किया गया। घटना के तुरंत बाद महिला को दूसरी सीट पर बिठाया जा सकता था लेकिन उन्हें काफी देर इंतजार करना पड़ा। डॉ. सुगाता ने बताया कि जब उन्होंने क्रू मेंबर्स से पूछा कि उन्हें फर्स्ट क्लास की खाली सीट पर क्यों नहीं बिठाया जा रहा तो क्रू मेंबर ने जवाब दिया कि इसका आदेश सिर्फ पायलट दे सकते हैं लेकिन पायलट ने ऐसा कोई फैसला नहीं किया।
साथ ही पायलट को ग्राउंड स्टाफ को अलर्ट करना चाहिए था और आरोपी शंकर मिश्रा को सुरक्षाकर्मियों के हवाले करना चाहिए था। जिसके बाद वह उपयुक्त एक्शन लेते लेकिन ऐसा नहीं किया गया। डॉ. सुगाता ने बताया कि पीड़ित महिला काफी सभ्य थीं और घटना के बाद उनकी आंखों में आंसू थे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कोई हंगामा नहीं किया। वह इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद भी शांत रहीं।
डॉ. सुगाता ने कहा कि वह उस घटना के बारे में विस्तार से बातें इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आरोपी शंकर मिश्रा के पिता ने आरोप लगाया था कि उनका बेटा बेगुनाह है और उसे शायद पैसे ऐंठने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है। डॉ. सुगाता ने कहा कि मेरे लिए यह नैतिकता की बात है कि मुझे इसके खिलाफ खड़े होना चाहिए और मैंने ऐसा ही किया। यह पूरी घटना काफी दुखदायी है. जिसमें एक बुजुर्ग महिला के आत्मसम्मान से खिलवाड़ कियाा गया। एक युवा व्यक्ति परेशानी में पड़ा और उसकी नौकरी चली गई। उसके परिवार को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ीं.
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