AIMIM केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में केजरीवाल का समर्थन नहीं करेगी: ओवैसी
नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि वह दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन नहीं करेंगे क्योंकि आम आदमी पार्टी के प्रमुख ‘‘वास्तविक हिंदुत्व'' का अनुसरण करते हैं। ओवैसी ने केजरीवाल और 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थन करने वाले दलों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उनमें राजनीतिक संगतियों का अभाव है जिसके कारण भाजपा को ‘‘आपकी विसंगतियों'' से लाभ हो रहा है। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं कभी केजरीवाल का समर्थन नहीं कर सकता...मैं केजरीवाल को जानता हूं...वह वास्तविक हिंदुत्व का अनुसरण करते हैं न कि महज उदार हिंदुत्व का।'' उनसे यह पूछा गया था कि क्या वह केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में केजरीवाल का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन क्यों किया था जब उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था।
क्या उन्हें पता नहीं था कि एक राज्य को तीन केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित कर दिया गया है। उन्होंने (केजरीवाल) यह दिखाने की कोशिश की कि वह सबसे बड़े हिंदू हैं। जब अनुच्छेद 370 निरस्त किया गया था तो उन्होंने भाजपा का समर्थन किया था। केजरीवाल ने अनुच्छेद 370 पर भाजपा का समर्थन क्यों किया था।'' एआईएमआईएम प्रमुख ने पूछा कि विदेश मंत्रालय अपने निकटतम पड़ोस में प्राचीन भारतीय अवधारणा के प्रभाव को दर्शाते भारत के नए संसद भवन की ‘अखंड भारत' भित्ति चित्र पर अफगानिस्तान, नेपाल तथा बांग्लादेश को क्या बताएगा। ओवैसी ने कहा, ‘‘अब नए संसद भवन में ‘अखंड भारत' का भित्ति चित्र लगाया गया है, भाजपा को बताना चाहिए कि वे अफगानिस्तान, बांग्लादेश तथा नेपाल लेने कब जा रहे हैं। आप कब पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) लेने जा रहे हैं? जब आप ‘अखंड भारत' का भित्ति चित्र लगाते हैं तो आपको जवाब देना चाहिए कि आप इस दिशा में क्या कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय को इस पर जवाब देना पड़ेगा।'' एक अन्य सवाल पर ओवैसी ने कहा कि वह पार्टी के नेताओं से चर्चा करेंगे और फिर इस पर फैसला लेंगे कि एआईएमआईएम तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।