जान बचाने के लिए वैक्सीन के तीसरे डोज की भी पड़ेगी जरूरत?, एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने दिया बड़ा बयान

Update: 2021-05-12 14:19 GMT

नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के बीच ये सवाल भी उठे हैं कि क्या भविष्य में वैक्सीन का तीसरा बूस्टर डोज भी लेना पड़ेगा? देश के जाने-माने एक्सपर्ट का कहना है कि भविष्य में कोविड-19 महामारी से बचने के लिए लोगों को वैक्सीन का तीसरा डोज भी लेना पड़ सकता है लेकिन इसकी प्रभावशीलता को लेकर अभी पर्याप्त डेटा मौजूद नहीं है.

एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने न्यूज़18 से बातचीत में कहा है कि तीसरे डोज की आवश्यकता मुख्य रूप से दो बातों पर निर्भर करेगी. पहली कि वैक्सीन के दोनों डोज से मिलने वाली इम्युनिटी कितने दिनों तक टिकती है. दूसरी, अगर नए वैरिएंट्स सामने आते हैं तो वैक्सीन की एफिकेसी के आधार पर तीसरी डोज दी जा सकती है. देश की नेशनल कोविड टास्क फोर्स के सदस्य गुलेरिया का कहना है कि हमारे पास कोई निश्चित डेटा नहीं है लेकिन संभव है कि भविष्य में तीसरी डोज भी लेनी पड़े. जरूरी नहीं है कि तुरंत लेकिन कुछ समय बाद.

दूसरी लहर का अंत कब तक होगा के सवाल पर गुलेरिया ने कहा कि महामारी पश्चिम से पूर्व की तरफ बढ़ रही है. वो कहते हैं-हमने देखा कि अब देश के पश्चिमी भागों में नए मामलों में स्थिरता आने लगी है और संभव है कि ये घटते चले जाएं. मध्य भारत में अब भी तेजी से केस आ रहे हैं. लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस महीने के उत्तरार्द्ध में मामले कम होना शुरू हो जाएंगे. हालांकि उन्होंने चेताया है कि देश के पूर्वी हिस्सों में मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है. गुलेरिया ने कहा कि हम अगले एक दो महीने में महामारी का बिल्कुल ढलते हुए देख सकते हैं. वो ये भी कहते हैं कि अगर भारत ज्यादा से ज्यादा लोगों के वैक्सीनेशन में कामयाब रहा और लोगों ने कोरोना निमयों को ठीक तरीके से अपनाया तो तीसरी लहर का असर कम रह सकता है.

बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर उन्होंने कहा-हम पहले से जानते हैं कि बच्चे नाजुक होते हैं. ऐसी बातचीत चल रही है कि अगर अगली लहर आई तो बच्चे इसके प्रभाव में आ सकते हैं. ये हमारे लिए बेहद जरूरी है कि हम बच्चों को बचाने के लिए प्रयासों पर जोर दें.

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