अहमद पटेल : कांग्रेस के आधार स्तंभ का अवसान

Update: 2020-11-25 05:37 GMT

जा़किर घुरसेना

अहमद पटेल गुजरात से आते थे, वे कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य, कोषाध्यक्ष और गांधी परिवार के बेहद करीबी थे, सही मायने में कहा जाए तो राजनीति के चाणक्य थे। हर परिस्थिति में पार्टी के साथ खड़े रहते थे, यही वजह है कि वे कांग्रेस और गांधी परिवार के बेहद नजदीकी नेताओं में से एक थेे। कांग्रेस को मजबूत करने में उनका काफी योगदान रहा, वे कांग्रेस के मजबूत स्तंभ थे। राजनीतिज्ञ के तौर पर अहमद पटेल से सभी के रिश्ते बहुत अच्छे थे उनका जाना कांग्रेस के लिए अपूरणीय क्षति है। एक योग्य और इमानदार और अनुभवी नेता कांग्रेस ने खो दिया है। गांधी परिवार के विश्वस्त लोगों में से एक अहमद पटेल पिछले 1 माह पहले कोरोना से पीडि़त थे । मेदांता में उनका इलाज चल रहा था, वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। अहमद पटेल कांग्रेस के धूरी थे। गांधी परिवार और अन्य नेताओं के बीच सेतु का भी कार्य करते थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ की राजनीति को करीब से देखा था, हालांकि यहां की राजनीति में सीधे तौर पर दखल नहीं रखते थे लेकिन दिल्ली में रहकर हमेशा छत्तीसगढ़ की राजनीति का हालचाल लेते रहते थे। जनता से रिश्ता के प्रबंध संपादक पप्पू फरिश्ता के राजनीतिक गुरु अहमद पटेल से मैंने भी मुलाकात किया था, उनके व्यवहार से काफी प्रभावित हुआ निर्विवाद छवि के दमदार नेता थे, राजनीति कैसे करनी है अहमद भाई से सीखें वे विरोधियों को भी अपना मुरीद कर लेते थे। वे राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी थे। राज्यसभा चुनाव में भाजपा के चाणक्य को अपने चाल में फंसा कर चुनाव जीतकर सबको हैरत में डाल दिया. अन्य दलों के नेता भी अहमद भाई के बहुप्रतिभा के कायल थे। उन्होंने 1977 में विपरित परिस्थति में भी वे गुजरात से लोकसभा चुनाव जीत कर सदन में पहुंचे थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,अमित शाह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी , प्रियंका गांधी,भूपेश बघेल ,दिग्विजय सिंह,कॅप्टन अमरिंदर सिंह,नारायण सामी सहित अन्य नेताओं ने ट्विट कर शोक संवेदना प्रकट की है।

अपने परिवार को रखा पॉलिटिक्स से दूर

सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे अहमद पटेल खुद एक राजनीतिक परिवार से आते थे, लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को इससे दूर ही रखा. 1976 में गुजरात के भरूच से स्थानीय निकाय में किस्मत आजमाने के साथ ही उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और जल्द ही वह इंदिरा गांधी के करीबी बन गए। अहमद पटेल ३ बार लोकसभा सांसद और 5 बार राज्यसभा सांसद रहे राजीव गांधी के भी बेहद करीबी रहे 2018 में कांग्रेस के कोषाध्यक्ष बने। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के बेहद करीबी कहे जाने वाले अहमद पटेल अब इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन वे अंतिम समय तक सोनिया गांधी के भरोसेमंद बने रहे। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव 1984 में लोकसभा की 400 सीटों के बहुमत के साथ सत्ता में आए तो उस समय अहमद पटेल सांसद होने के अलावा पार्टी के संयुक्त सचिव बनाए गए. बाद में उन्हें कांग्रेस का महासचिव भी बनाया गया।

मोहम्मद इशकजी पटेल और हवाबेन मोहम्मद भाई के घर 1949 में पैदा हुए अहमद पटेल के पिता भी कांग्रेस में थे. पिता भरूच तालुका पंचायत सदस्य थे और क्षेत्र के नामी नेता थे. अहमद पटेल को राजनीतिक करियर बनाने में पिता से बहुत मदद मिली, हालांकि उनके बच्चे राजनीति से बहुत दूर हैं.

1976 में अहमद पटेल ने मेमूना अहमद से शादी की. उनके दो बच्चे हुए. एक बेटा और बेटी, लेकिन दोनों कांग्रेस या किसी भी पार्टी की राजनीति से कोसों दूर हैं. उनके बेटे फैजल पटेल ने ही ट्वीट कर पिता के निधन की जानकारी दी।

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