कृषि मंत्री को सच बोलने की मिली सजा? बिहार से आई ये खबर

Update: 2022-09-18 06:53 GMT
न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के बीच लगता है कि तकरार बढ़ गई है क्योंकि शनिवार को नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कृषि विभाग की समीक्षा बैठक हुई, जहां प्रदेश में कम बारिश और सूखे की स्थिति पर चर्चा हुई, लेकिन इस बैठक में कृषि मंत्री गैर मौजूद रहे.
नीतीश और सुधाकर सिंह के बीच संबंध तब बिगड़ गए जब सुधाकर सिंह ने पिछले मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद अपने पद से इस्तीफा देने की धमकी दी, जब नीतीश ने उनसे उनके ही बयान पर सवाल किया कि कृषि विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है, सभी अधिकारी चोर हैं और वह खुद "चोरों का सरदार" थे.
सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार के सवाल के बाद सुधाकर सिंह ने जिस तरीके से अपने पद से इस्तीफा देने की धमकी दी थी. उसको लेकर नीतीश कुमार सकते में आ गए थे. बताया जाता है नीतीश के पूछने के बावजूद भी सुधाकर सिंह अपने बयान पर कायम रहे और आरोप लगाया कि कृषि विभाग के सभी अधिकारी भ्रष्ट थे.
ऐसा लगता है कि सुधाकर सिंह के भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर नीतीश कुमार इतने नाराज थे कि कि उन्होंने कृषि मंत्री के बिना ही बिहार में व्याप्त सूखे के हालात को लेकर बैठक कर ली, जहां कृषि विभाग के प्रधान सचिव एन. सरवनन मौजूद थे, जिन्होंने विभाग से संबंधित सभी मामलों पर चर्चा की.
प्रधान सचिव ने मुख्यमंत्री को सूखे से पीड़ित किसानों को राहत प्रदान करने के लिए उनके विभाग द्वारा उठाए गए कदमों से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि उनके विभाग ने 4.5 लाख प्रभावित किसानों को डीजल सब्सिडी के रूप में 62 करोड़ रुपये अपर्याप्त वर्षा और सूखे की स्थिति के कारण है आर्थिक मदद की है. दिलचस्प बात यह है कि नीतीश कुमार ने उसी बैठक के दौरान आपदा प्रबंधन विभाग के काम की समीक्षा भी की जिसमें आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री शाहनवाज को बुलाया गया था.
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