नई दिल्ली: अग्निपथ स्कीम की लॉन्चिंग 14 जून को केंद्र सरकार ने बड़े उत्साह के साथ की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीनों सेना प्रमुखों के साथ सेना में भर्ती स्कीम की खूबियां बताईं. एक-दो दिन तो देश के युवाओं को इस स्कीम को समझने में लग गए. लेकिन जैसे ही इस स्कीम की डिटेल युवाओं को समझ में आई वे सड़क पर आ गए.
आज इस योजना के विरोध में कई संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है. युवाओं की सबसे ज्यादा नाराजगी 4 साल की सेवा अवधि को लेकर है. युवाओं के अलावा नेताओं ने भी कहा कि 18 साल में नौकरी शुरू कर युवा 22 साल में बेरोजगार हो जाएंगे तो इसके बाद उनका क्या होगा?
16 -17 और 18 जून को इस योजना का इतना भयानक विरोध हुआ कि सरकार बैकफुट पर आ गई. इसके बाद सरकार ने इस योजना में एक के बाद एक कई बदलाव किए और प्रदर्शनकारी छात्रों का गुस्सा शांत करने की कोशिश की.
भविष्य के अग्निवीरों की सबसे नाराजगी इस बात को लेकर थी कि हर साल अग्निपथ स्कीम से बाहर होने वाले 75 फीसदी कैडर का क्या होगा? केंद्र सरकार ने इसका हल निकालने की कोशिश की.
रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि आवश्यक पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले अग्निवीरों को रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में 10% तक आरक्षण मिलेगा. ये 10% आरक्षण भारतीय तटरक्षक बल और दूसरे सिविलियन पोस्ट और सभी 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में लागू किया जाएगा. यह आरक्षण भूतपूर्व सैनिकों के लिए मौजूदा आरक्षण के अलावा होगा.
इससे पहले 18 जून शनिवार को गृह मंत्रालय ने अग्निवीरों के लिए एक और ऐलान किया था. गृह मंत्रालय ने कहा कि जब अग्निवीर 4 साल की सेवा के बाद बाहर आते हैं तो उनके लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और असम राइफल्स की नौकरियों में उन्हें 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा.
इसके अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स में अग्निवीरों की भर्ती में उपरी आयु सीमा में 3 साल की छूट दी जाएगी. जबकि अग्निवीरों के पहले बैच के लिए ये छूट 5 साल होगी.
अग्निपथ स्कीम की लॉन्चिंग के साथ कई छात्रों ने इस बात को लेकर चिंता जताई कि पिछले दो सालों में कोरोना की वजह से भर्तियां नहीं हुई हैं. इसलिए वे अग्निपथ स्कीम के तहत जरूरी उम्र सीमा के दायरे से बाहर आ जाएंगे.
बता दें कि अग्निपथ स्कीम के तहत बहाली के लिए उम्र सीमा साढ़े 17 साल से 21 साल तक है. छात्रों के इस विरोध के बाद रक्षा मंत्रालय ने एक और संशोधन किया.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती की अधिकतम आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है. हालांकि ये रियायत केवल इसी साल यानी 2022 की भर्ती प्रक्रिया में ही लागू होगी. यानी बस पहले साल के लिए.
बता दें कि पिछले दो वर्षों कोरोना की वजह से कोई भर्ती नहीं होने के कारण यह निर्णय लिया गया है. इस तरह से 2022 बैच के अग्निवीर 28 साल की आयु तक रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में आवेदन कर सकेंगे. जबकि सामान्य तौर पर वे 26 साल तक रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में आवेदन करने के योग्य होंगे.
अग्निवीरों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास है. इसके बाद उन्हें 4 साल नौकरी करनी पड़ रही थी. इस हालात में उनके सामने अपनी पढ़ाई जारी करने को लेकर चिंता हो सकती थी. इस समस्या के निदान के लिए स्कूली शिक्षा विभाग ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल (NIOS) के जरिए उन्हें 12वीं तक पढ़ाई करने का विकल्प दिया गया. इसके लिए NIOS जरूरी बदलाव करने जा रहा है.
इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय ने अग्निवीरों के लिए 3 साल का विशेष स्किल बेस्ड बैचलर डिग्री लॉन्च करने का फैसला लिया है. इसमें अग्निवीरों द्वारा 4 साल की सेवा के दौरान सीखे गए टेक्निकल स्किल को प्राथमिकता दी जाएगी. सूत्रों ने कहा कि IGNOU के साथ मिलकर इस कोर्स को डिजाइन किया जा रहा है. इस कोर्स में 50 फीसदी क्रेडिट सिर्फ स्किल ट्रेनिंग के लिए मिलेगा जो अग्निवीरों के सेवा काल के दौरान सीखा है.