अग्निपथ योजना: अग्निवीरों की भर्ती के लिए परीक्षा, राहुल गांधी ने कही यह बात

Update: 2022-07-24 08:13 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना में अग्निपथ योजना के जरिए भर्ती के लिए पहली बार रविवार को परीक्षा शुरू हुई। पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच आज देश भर में परीक्षा का आयोजन हुआ। दिल्ली, कानुपर और पटना समेत देश के कई हिस्सों में यह परीक्षा आयोजित की गई है। 24 जुलाई से 31 जुलाई के बीच यह परीक्षा होगी।

एयर फोर्स में अग्निवीर की भर्ती के लिए यूपी के अलग-अलग शहरों में परीक्षा आयोजित की गई है। कानपुर में अग्निवीर वायु सेना परीक्षा आयोजित करने के लिए पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। सभी परीक्षा केंद्रों पर पुलिस कर्मियों की तैनाती के साथ ही वायुसेना के जवानों को भी तैनात किया गया है। सभी केंद्रों पर सीसीटीवी और ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है।
अग्निवीर परीक्षा के लिए कुल 11 केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से छह कानपुर आउटर में हैं। परीक्षा तीन पालियों में आयोजित की जा रही है। आज कानपुर में इस परीक्षा के लिए कुल 31,875 उम्मीदवार उपस्थित हो रहे हैं और प्रत्येक पाली में 625 छात्र भाग लेंगे।
आज से राजधानी पटना के 13 केंद्रों समेत बिहार के 26 केंद्रों पर अग्निवीरों की पहली परीक्षा शुरू हो गई है। अग्निवीर वायु के लिए रविवार को पटना के 13 केंद्रों समेत राज्य के 26 केंद्रों पर ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जा रही है। प्रदेश में अलग-अलग कुल 26 केंद्र बनाए गए हैं। इसमें सबसे अधिक राजधानी पटना में केंद्र बनाए गए हैं। पटना के बेऊर, खगौल, दानापुर, पाटलिपुत्र, कंकड़बाग जैसे क्षेत्रों में ऑनलाइन परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।
गौरतलब है कि पहली बार इस परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश से अग्निपथ योजना के तहत वायु सेना के 3500 पदों पर भर्ती की जाएगी। इस परीक्षा में सभी प्रश्न 12वीं स्तर के है। पहला सेट विज्ञान (भौतिकी, रसायन एवं गणित) का है, जो 60 मिनट का होगा। दूसरा अंग्रेजी का है, जो 45 मिनट का होगा। इसी तरह तीसरे सेट में रीजनिंग और जनरल अवेयरनेस की परीक्षा 85 मिनट की होगी।
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रविवार को फिर हमला किया। उन्होंने कहा कि उनका यह प्रयोग राष्ट्रीय सुरक्षा और युवाओं के भविष्य के लिए खतरनाक है। राहुल ने कहा कि अग्निवीर योजना युवाओं के भविष्य के साथ कैसे खिलवाड़ करेगी, इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में हर साल 60 हजार सैनिक रिटायर्ड होते हैं लेकिन मुश्किल से तीन हजार पूर्व सैनिकों को ही सरकारी नौकरी मिल पाती है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "साठ हजार सैनिक हर साल रिटायर होते हैं, उनमें से सिर्फ तीन हजार को सरकारी नौकरी मिल रही है। चार साल के ठेके पर हजारों की संख्या में रिटायर होने वाले अग्निवीरों का भविष्य क्या होगा। प्रधानमंत्री की प्रयोगशाला के इस नए प्रयोग से देश की सुरक्षा और युवाओं का भविष्य दोनों खतरे में हैं।"


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