इस विधेयक के पास होने के बाद मुस्लिमों ने मनाया जश्न, बांटी मिठाइयां
सरकार के समर्थन में नारे लगाने लगे.
रांची. झारखंड मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 मंगलवार को झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में पास हो गया. इस बिल के पास होने पर राजधानी रांची (Ranchi) समेत राज्य भर में मुस्लिम समाज (Muslim Community) के लोगों ने जश्न मनाया. जैसे ही विधानसभा में इस बिल के पास होने की जानकारी मुस्लिमों को हुई वो मस्जिदों से बाहर निकल कर सरकार के समर्थन में नारे लगाने लगे. इस दौरान उन्होंने एक-दूसरे को मिठाइयां बांटकर इसकी खुशी मनाई.
रांची के एकरा मस्जिद के पास झारखंड मुस्लिम सेंट्रल कमिटी के सदस्यों ने झारखंड मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 पास होने पर जमकर जश्न मनाया और हेमंत सोरेन सरकार के समर्थन में नारेबाजी की. कमेटी के उपाध्यक्ष आफरोज आलम ने खुशी जताते हुए कहा कि यह कानून मुस्लिम समाज के लोगों के साथ-साथ सभी लोगों के लिए हितकारी साबित होगा. उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग के दौरान जो लोग कानून अपने हाथ में लेते हैं उन्हें अब सजा मिल सकेगी.
वहीं, झारखंड मुस्लिम सेंट्रल कमेटी के कोषाध्यक्ष डॉक्टर तारीफ ने थोड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बिल में दोषियों को उम्रकैद के बजाय मौत की सजा का प्रावधान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी तक मॉब लिंचिंग के ज्यादातर शिकार मुस्लिम समाज के लोग हुए हैं जिन्हें न तो उचित मुआवजा मिला है और न ही उनके पुनर्वास की कोई मुकम्मल व्यवस्था की गई है.
बिल पास होने की खुशी में बकायदा कई नेताओं के नाम लेकर उनके समर्थन में नारेबाजी की गई. हालांकि कुछ लोग जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के समर्थन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम लेकर नारे लगा रहे थे तो वहीं, कुछ लोग कांग्रेस को इसका श्रेय दे रहे थे.
बता दें कि झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन मंगलवार को बीजेपी विधायकों के वॉक आउट के बीच झारखंड (भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण) विधेयक 2021 को मंजूरी प्रदान कर दी गई. विपक्षी सदस्यों की ओर से इस विधेयक को सेलेक्ट कमिटी को सौंपने और कई संशोधन के प्रस्ताव के प्रस्ताव भी दिये गये, जिसे खारिज कर दिया गया.
झारखंड भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 के सदन से पास होने के बाद अब राज्य में मॉब लिंचिंग में शामिल लोगों पर सख्त करवाई होगी. एक आंकड़े के मुताबिक राज्य में वर्ष 2014 से अभी तक 56 मॉब लिंचिंग के मामले सामने आए हैं.