पति की मौत के बाद पत्नी ने पूरा किया संकल्प, गांव वालों को सौंपा एंबुलेंस

Update: 2022-04-20 00:59 GMT

राजस्थान। एंबुलेंस के अभाव में पति की मौत से सदमे में आई सीकर निवासी धर्मा देवी की पहल लोगों की जिंदगी बचा सकती है. चार साल पहले गावड़ी पंचायत समिति निवासी सेवानिवृत्त सूबेदार रावत सिंह तंवर को हार्ट अटैक आया था. गांव में एंबुलेंस नहीं मिलने से मरीज को अस्पताल समय पर नहीं पहुंचाया जा सका. अस्पताल पहुंचने से पहले ही पति की मौत हो गई. पति की मौत का सदमा धर्मा के ऊपर पड़ा. मौत का सदमा कोई और ना झेले इसलिए उन्होंने संकल्प उठाया. उन्होंने घटना के बाद से पैसे जोड़ने शुरू कर दिए. पत्नी धर्मा देवी ने पेंशन और जोड़े गए पैसे की मदद से 10 लाख रुपए में एंबुलेंस खरीद कर गांव को भेंट कर दिया.

गांव को एंबुलेंस मिल जाने से गावड़ी सहित आठ गांव ढाणियों के गरीब मरीजों को नीमकाथाना अस्पताल तक ले जाया जा सकेगा. उनका कहना है कि एंबुलेंस के अभाव में किसी के साथ अनहोनी नहीं होनी चाहिए. धर्मा देवी के बेटे और सरपंच शेरसिंह तंवर ने बताया कि पिता रावत सिंह तंवर को चार साल पहले हार्ट अटैक आया था. लेकिन रात होने की वजह से एंबुलेंस या गाड़ी नहीं मिल सकी. समय पर मरीज को अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका और पिता की मौत हो गई.

दर्दनाक घटना के बाद से मां धर्मा देवी और भाइयों ने संकल्प लिया था कि गांव के लिए एंबुलेंस खरीदकर देंगे. बता दें कि गांवड़ी गांव में कोई बड़ा अस्पताल नहीं है. गंभीर हालत में मरीज को नीमकाथाना या फिरजयपुर ले जाना पड़ता है. पहाड़ी इलाका होने के कारण नीमकाथाना से एंबुलेंस आने में भी काफी समय लगता है. लेकिन अब धर्मा देवी के अस्पताल को एंबुलेंस सौंपने से लोगों को आसानी हो सकेगी. डीजल, ड्राइवर की सैलेरी, मरम्मत समेत एंबुलेंस संचालन का पूरा खर्चा भी धर्मा देवी देंगी. एंबुलेंस इस्तेमाल करने वाले मरीजों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. एंबुलेंस बुलाने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा. एंबुलेंस में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर जैसे जरूरी उपकरण लगे हैं.


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