सलमान खुर्शीद के बाद मनीष तिवारी की किताब के कारण मुश्किल में फंसी कांग्रेस, बीजेपी का हमला शुरू, देखें वीडियो

Update: 2021-11-23 07:29 GMT

नई दिल्ली: कांग्रेस इन दिनों 'किताब' को लेकर घिरती जा रही है. पहले सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) की किताब में 'हिंदुत्व' को लेकर कही बात पर बवाल मचा और अब मनीष तिवारी (Manish Tiwari) की किताब में 'मुंबई हमले' को लेकर छोड़े गए 'बम' से हंगामा शुरू हो गया है. मनीष तिवारी ने अपनी किताब में मनमोहन सरकार पर सवाल उठाते हुए लिखा कि 26/11 के वक्त यूपीए सरकार को जो कदम उठाने चाहिए थे, वो नहीं उठाए गए. उन्होंने ये भी लिखा कि उस वक्त तेजी से कार्रवाई करने की जरूरत थी. इसके बाद बीजेपी ने भी कांग्रेस सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.

मनीष तिवारी ने अपनी किताब में 'किसी देश (पाकिस्तान) को अगर निर्दोष लोगों को कत्लेआम करने में कोई अफसोस नहीं है तो ऐसे में संयम ताकत की पहचान नहीं, बल्कि कमजोरी की निशानी है. 26/11 एक ऐसा मौका था जब शब्दों से ज्यादा जवाबी कार्रवाई दिखनी चाहिए थी.' उन्होंने मुंबई हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 से करते हुए कहा कि भारत को उस समय तेजी से जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए थी.
किताब में कही गई बात को लेकर एक ओर कांग्रेस घिरती नजर आने लगी तो अब मनीष तिवारी पर भी कार्रवाई होने की बातें सामने आने लगीं हैं. मनीष तिवारी की किताब सामने आने के बाद एके एंटनी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मिलने पहुंचे. एके एंटनी कांग्रेस की अनुशासन कमेटी के अध्यक्ष हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस अब तिवारी पर कोई कार्रवाई कर सकती है.
बीजेपी ने भी कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी और कांग्रेस से सवाल पूछा कि उरी और पुलवामा के बाद जैसी कार्रवाई हुई, मुंबई हमले के बाद वैसी कार्रवाई करने से किसने और क्यों रोका?
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मनीष तिवारी की किताब में कही गई बात कांग्रेस की विफलता का कबूलनामा है. उन्होंने कहा कि ये साफ हो गया कि कांग्रेस की सरकार निठल्ली थी और उसे देश की सुरक्षा की चिंता भी नहीं थी. उसने राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगा दिया. उन्होंने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से इस पर जवाब देने को कहा है. भाटिया ने सवाल किया कि उस समय भारत की सेना को छूट क्यों नहीं दी गई. Live TV




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