कोरोना से ठीक होने पर भक्त ने मंदिर में चढ़ाए 2 करोड़ का सोना...शंख और चक्र किया दान
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तमिलनाडु में रहने वाले एक भक्त ने बुधवार को आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के लिए लगभग 2 करोड़ रुपये के सोने के शंख और चक्र का दान किया. मंदिर प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि चेन्नई के थेनी जिले में वाले थंगादुरई ने भगवान वेंकटेश्वर की पूजा करने के बाद, मंदिर के अधिकारियों को सोने की शंकु (शंख) और चक्रम (चक्र) का दान किया, जिनका वजन 3.5 किलोग्राम है. अधिकारी ने बताया कि इन सोने के गहनों को भगवान वेंकटेश्वर को पहनाया जाएगा. वहीं, थंगादुरई ने संवाददाताओं को बताया कि वह पिछले 50 सालों से तिरुमाला मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की पूजा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल कोरोना महामारी के चलते मंदिर में भक्तों के आने और दर्शन पर रोक लगा दी गई थी, साथ ही वह भी कोरोना से संक्रमित हो गए थे. तब उन्होंने तिरुपति बालाजी मंदिर में अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए मन्नत मांगी थी, जो कि पूरी हो गई है. वह कोरोना से ठीक हो चुके हैं.
उन्होंने कहा, "मैंने भगवान वेंकटेश्वर से अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए मन्नत मांगी थी, साथ ही कोरोना बीमारी (Coronavirus) से ठीक होने पर मंदिर में सोने के शंख और चक्र दान करने का संकल्प लिया था. इसीलिए अपनी मन्नत पूरी होने पर आज इस दान के जरिए मैंने अपना संकल्प पूरा किया है." थंगादुरई ने बुधवार सुबह मंदिर के डिप्टी एग्जीक्यूटिव ऑफिसर को अपना दान सौंपा. आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुपति बालाजी का मंदिर दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और अमीर मंदिरों में से एक है, जहां कई लोग लाखों-करोड़ों का दान करते ही रहते हैं. इससे पहले पिछले साल दिसंबर महीने में चेन्नई में स्थित एक्सेस हेल्थकेयर के अध्यक्ष अनुराग वर्धमान जैन ने भी तिरुपति देवस्थानम (TTD) को 1.11 करोड़ रुपये का दान दिया था.
तिरुपति मंदिर में अक्सर सोने का चढ़ावा चढ़ाया जाता है. इसीलिए दान आने के मामले में यह मंदिर भारत में पहले स्थान पर है. हर साल लाखों लोग तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए इकठ्ठा होते हैं. यहां आने वाले हर एक व्यक्ति की सबसे बड़ी इच्छा भगवान वेंकटेश्वर (भगवान विष्णु) के दर्शन करने की होती है. यह भारत के उन मंदिरों में से एक है जिसके पट सभी धर्म के अनुयायियों के लिए खुलते हैं. इन तीर्थयात्रियों की पूरी देखरेख तिरूपति देवस्थानम (TTD) करता है.