संसद का मॉनसून सत्र पूरी तरह से हंगामे में धुल गया और बुधवार को सत्र खत्म भी हो गया. लेकिन राज्यसभा में बीते दिन महिला सांसदों के साथ बदसलूकी होने का आरोप लगा. विपक्ष द्वारा आरोप लगाया गया कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा बदतमीजी की गई, विपक्ष के नेताओं का कहना है कि संसद के इतिहास में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ.
अब जब संसद का सत्र खत्म हो गया है, तो संसद से बाहर सड़क पर विपक्षी पार्टियां इस मसले पर एकजुटता दिखा रही हैं. गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष की करीब 15 पार्टियां संसद से विजय चौक तक मार्च निकालेंगी.
केंद्र के खिलाफ 15 दलों का संसद से विजय चौक तक मार्च, राहुल गांधी भी शामिल
संसद परिसर में मौजूद गांधी स्टैच्यू के पास से ये मार्च निकाला जाएगा और मॉनसून सत्र को वक्त से पहले खत्म करने, चर्चा ना करने का विरोध किया जाएगी. सभी विपक्षी नेता इसके बाद मीडिया से मुखातिब भी हो सकते हैं.
मंगलवार को विपक्ष द्वारा राज्यसभा में जमकर हंगामा किया गया था, कई नेता टेबल पर चढ़कर पर्चे उड़ा रहे थे. जिसके बाद बुधवार को राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने सदन में इसकी निंदा की थी. लेकिन बुधवार को ही विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि मार्शल द्वारा सांसदों के साथ बदतमीजी की गई.
शिवसेना सांसद संजय राउत के मुताबिक, जब राज्यसभा में बिल पास हो रहा था, तब मार्शल को बुलाया गया. क्या हमें डराना चाहते हैं? विपक्ष पूरी तरह से एकजुट है, 20 अगस्त को सोनिया गांधी कांग्रेस शासित राज्यों से बात करेंगी. उद्धव ठाकरे भी इस बैठक में शामिल होंगे.
दूसरी ओर सरकार की ओर से आरोप लगाया गया है कि विपक्षी सांसदों ने सदन में गलत व्यवहार किया है, ऐसे में ऐसा करने वाले सांसदों के खिलाफ एक्शन होना चाहिए. बता दें कि पेगासस जासूसी मामले को लेकर लोकसभा, राज्यसभा में मॉनसून सत्र के दौरान हंगामा होता रहा. इसी वजह से पूरा सत्र बिना किसी बड़ी चर्चा के धुल गया.