पत्नी की हत्या कर शव को नाले में जलाया, कोर्ट ने सुनाई ये सजा
जाने कैसे वारदात को दिया अंजाम
महुली। विंढमगंज थाना क्षेत्र के महुली में पत्नी की हत्या करने के बाद नाले में शव जलाने के मामले में दोषी पति को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। छह वर्ष पूर्व हुए रमापति उर्फ दुर्गावती देवी हत्याकांड के मामले में मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने मामले की सुनवाई की। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की दलीलों को दृष्टिगत रखते हुए हत्यारोपी पति को दोषी पाया और उम्रकैद तथा 15 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंअदा न करने की.स्थिति में तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समाहित किया जाएगा। सवा छह वर्ष पूर्व हुए रमापति उर्फ दुर्गावती देवी हत्याकांड के मामले में सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने दोषी पति को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मंगलवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उस पर 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड न देने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक कोन थाना क्षेत्र के पड़रछ टोला भालुकुदर गांव निवासी श्यामलाल गोंड ने विंढमगंज थाने में दी तहरीर में बताया था कि उसकी बहन रामपति उर्फ दुर्गावती देवी की शादी 2005 में रामदास गोंड निवासी महुली टोला टहरिया खोली थाना विंढमगंज के साथ हुई थी। बहन को एक बेटी चांदनी आठ वर्ष की है। तीन मार्च 2017 को सुबह नौ बजे उसे सूचना मिली कि बहन की हत्या कर पति उसके शव को नाले में जला रहा है। इस सूचना पर जब नाले पर गया तो वहां से लोग शव जलाकर चले गए थे। उसके बाद घर गया तो कोई नहीं मिला। तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की विवेचना की। पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद दोषी रामदास गोंड को उम्रकैद एवं 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण राय ने बहस की।
अभियोजन कथानख के मुताबिक कोन थाना क्षेत्र के पड़रछ ग्राम पंचायत के टोला भालुकूदर निवासी श्यामलाल गौड़ पुत्र रामचंद्र गौड़ ने विंढमगंज थाने में तीन मार्च 2017 को पहुंचकर एक तहरीर दी। बताया कि सुबह नौ बजे उसके मोबाइल पर उसके बहनोई कपिल पुत्र राम सिंह निवासी तुमिया थाना कोन का फोन आया कि उसकी बहन रामपति की, उसके बहनोई रामदास गौड़ ने हत्या करती है और उसके शव को नाले में जला रहे हैं। इस सूचना पर जब वह नाले पर पहुंचा, तब तक लोग शव जलाकर वहां से जा चुके थे। उसके बाद वह बहन के घर गया तो वहां कोई नहीं मिला। मामले में एफआइआर दर्ज कर पुलिस ने विवेचना की। पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई। सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं का तर्क सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रामदास गौड़ को उम्रकैद और 15 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने मामले की पैरवी की।
पांच वर्ष पूर्व हुई चोरी के मामले में भी मंगलवार को तीन दोषियों को तीन-तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई गई। मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं द्वारा दी गई दलीलों के आधार पर दोषसिद्ध पाया। इसके बाद तीन दोषियों क्रमशः राजेश यादव, मो. शफीक व शिव बाबू केशरी उर्फ छोटू को तीन-तीन वर्ष की कैद व छह-छह हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न अदा करने पर एक -एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित होगी।
अभियोजन कथानक के मुताबिक जुगैल थाना क्षेत्र के खरहरा टोला देवखर गांव निवासी बिंदु पुत्र आनंदी ने चोपन थाने पह़ुचकर तहरीर दी थी। अवगत कराया था कि 30 जून 2018 को वह सी प्लांट ओबरा से ठेकेदार से 35 हजार रुपये लेकर मजदूरों को बाटने जा रहा था। सिंदुरिया पेट्रोल पंप के पास पहुंचा, उसी समय ठेकेदार का फोन आ गया।इस पर मोटरसाइकिल खड़ी कर ठेकेदार से बात की। लघुशंका महसूस होने पर मोबाइल बाइक पर रखकर पेशाब करने चला गया। तभी तीन लोग बाइक से आए और मोबाइल-बाइक लेकर भाग गए। पुलिस की विवेचना के दौरान राजेश यादव पुत्र लालचंद्र यादव, मो. शफीक पुत्र मो. बफाती व शिव बाबू केशरी उर्फ छोटू पुत्र संगम लाल केशरी निवासी खैरटिया निकट ओम चौराहा ओबरा का नाम सामने आया और उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई थी। अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने मामले की पैरवी की।