भाजपा ज्वाइन करने के बाद बोले RPN SINGH- '32 साल कांग्रेस में रहा... देर आए, दुरुस्त आए'

Update: 2022-01-25 09:43 GMT

RPN Singh News: आरपीएन सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर आज बीजेपी ज्वाइन कर ली. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अनुराग ठाकुर इस मौके पर मौजूद रहे. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी आरपीएन सिंह को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कुशीनगर की पडरौना विधानसभा सीट से उतारने की तैयारी में है.

बीजेपी ज्वाइन करने के बाद आरपीएन सिंह ने जेपी नड्डा के साथ-साथ पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह का धन्यवाद किया. वह बोले कि पीएम मोदी ने काफी कम समय में राष्ट्रनिर्माण का कार्य किया है. उन्होंने कांग्रेस की सोच पर सवाल उठाए. वह बोले कि काफी लोग उनको पहले से कहते थे कि मुझे बीजेपी में जाना चाहिए. इसपर मैं यह कहना चाहूंगा कि देर आए दुरुस्त आए.


32 सालों तक मैं एक पार्टी में रहा ईमानदारी से, लगन से मेहनत की. परन्तु जिस पार्टी में इतने साल रहा अब वो पार्टी रह नहीं गई ना वो सोच रह गई जहां मैंने शुरूआत की थीभाजपा में शामिल होने के बाद बोले आरपीएन सिंह
आरपीएन सिंह के साथ-साथ शशि वालिया (यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता, राजेंद्र अवाना (यूपी प्रदेश सचिव, कांग्रेस) ने भी बीजेपी ज्वाइन की.
इस चर्चा के बीच आरपीएन सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल का बायो बदल दिया है. उन्होंने यहां से कोंग्रेस पार्टी से जुड़े पद की जानकारी हटाई है. इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भी भेज दिया है. सिंह ने ट्वीट किया कि आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं. जय हिंद.
कांग्रेस नेता अंबा प्रसाद ने भी आरपीएन सिंह पर तंज कसा और बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पिछल एक साल से ज्यादा से बीजेपी के साथ सांठ-गांठ कर आरपीएन सिंह झारखंड की कांग्रेस-जेएमएम सरकार को अपदस्थ कराने की कोशिश कर रहे थे. पार्टी नेतृत्व को लगातार इस बारे में आगाह भी किया गया था. इनके बीजेपी जाने से झारखंड का हर सच्चा कांग्रेसी खुश है.
आरपीएन सिंह के पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने तंज कसा. उन्होंने कहा कि जिन्हें बगैर परिश्रम राजनीति विरासत में मिली है, जो पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण राजनीति में हैं, वे भी जिनकी नजर में राजनीति "प्रोफेशनलिज्म" है. उनके दलबदल की चिंता बिल्कुल नहीं करनी चाहिए. क्योंकि, उनकी वैचारिक प्रतिबद्धताएं अवसर के साथ चलती हैं, बदलती रहती हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य से जब RPN सिंह के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद पडरौना से चुनाव लड़ने की बात कही गई तो वह बोले कि समाजवादी पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता आरपीएन को पडरौना से हरा देगा. वह बोले कि आरपीएन के बीजेपी में आने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
- आरपीएन सिंह झारखंड कांग्रेस के इंचार्ज थे. क्या उनके जाने से कोई असर पड़ेगा? इसपर झारखंड कांग्रेस के प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा कि उनका जाना निराशाजनक है. इंचार्ज आते-जाते रहते हैं, कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने काफी सोचने के बाद ही फैसला लिया होगा. हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं, हम मरते दम तक यहीं रहेंगे. हमें लगता है उनका फैसला गलत है.
- RPN Singh के पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि यह लड़ाई कांग्रेस लड़ रही है, इसके लिए मजबूत होना जरूरी है. उन्होंने RPN सिंह को डरपोक कहते हुए लिखा कि इस लड़ाई में डरपोक नहीं लड़ सकते.
- तृणमूल कांग्रेस से सांसद महुआ मोइत्रा ने RPN के बीजेपी में जाने पर तंज कसा है. उन्होंने लिखा, 'हेवीवेट' या फिर 'डेडवेट'? जिन्होंने दशकों से कोई सीट नहीं जीती है वह चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो रहे हैं.
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