गुजरात। दक्षिण गुजरात के वीर नर्मद विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली एक अफगानी छात्रा ने एमए में गोल्ड मेडल हासिल किया है. गुजरात के राज्यपाल ने रजिया मुरादी को मेडल और सर्टीफिकेट देकर सम्मानित किया. रजिया मुरादी ने कहा कि मुझे भरोसा नहीं था कि मुझे गोल्ड मेडल मिलेगा. मेरी क्लास में ऐसे बहुत होनहार स्टूडेंट्स हैं, जो इस मेडल के हकदार हैं.
उन्होंने कहा कि मैं खुशनसीब हूं, जो मुझे ये मेडल मिला है. जब आप कुछ अलग करते हो, तो उस खुशी को आप परिवार के साथ बांटना चाहते हो. मगर, जब आप अपनी खुशी और बातें उनसे कह नहीं सकते, तो यह दुखद होता है. मेरे लिए यह मौका खुशी और गम दोनों तरह का है. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हालात बदल चुके हैं. खासतौर पर महिलाओं पर पाबंदियां बढ़ गईं हैं. ऐसी कठिन परिस्थितियों में एक अफगानी छात्रा रजिया मुरादी ने दक्षिण गुजरात के वीर नर्मद विश्वविद्यालय में पढ़ाई पूरी की और एमए इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में गोल्ड मेडल हासिल किया है.
रजिया ने कहा कि इस समारोह में मेरा परिवार शामिल नहीं हो पाया, लेकिन वो खुश हैं, गौरवान्वित हैं. मेरा जब भारत की यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए सिलेक्शन हुआ था, तो परिवार चिंतित था कि मैं कैसे यहां अकेले रहकर पढ़ पाऊंगी, लेकिन आज जब मुझे मेडल मिला है, तो उन्हें भरोसा हो गया है कि मैं कर सकती हूं. अफगानी छात्रा रजिया ने कहा कि हमारे यहां पहले सब अच्छा था. मगर, अभी जो तालिबानी हुकूमत है, वो मानवाधिकारों को सम्मान नहीं देती है. उनका जो रवैया है, उससे नागरिकों के मूलभूत आधिकारों का हनन हो रहा है. महिलाएं और अल्पसंख्यक बहुत ही दयनीय स्थिति से गुजर रहे हैं.
रजिया ने कहा कि मैं अभी पीएचडी कर रही हूं. मुझे उम्मीद है कि जब तक ये पूरी होगी, तब तक अफगानिस्तान की स्थिति सुधर जाएगी और मैं अपने देश लौट सकूंगी. रजिया ने कहा कि मैं अपने देश में बदलाव लाना चाहती हूं. मैं विकास और पुनर्वास के लिए काम करना चाहती हूं. किसी भी व्यक्ति के लिए मातृभूमि का सपना होता है और मेरे लिए भी एक सपना है कि मैं देश लौटूं और देश सेवा कर सकूं. रजिया कहती हैं कि महिलाओं को अगर मौका मिले, तो वो किसी भी क्षेत्र में परचम फहरा सकती हैं. रजिया वर्ष 2020 में एमए की पढ़ाई करने के लिए भारत आई थीं. इसके बाद अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो गया.