3000 कदम में 8000 कदम का फायदा, कोरोना के फ्रंट लाइन वॉरियर्स के लिए खास चप्पल, जाने डिटेल...
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. हर तरफ मौत ही मौत दिखाई दे रही है, सासें बंद हो रही हैं और लोग तड़प-तड़प कर अपनी जान दे रहे हैं. ऐसे समय में कुछ लोग पीड़ित और कोरोना के फ्रंट लाइन वॉरियर्स की मदद के आगे आए हैं. जर्मनी की एक कंपनी कोरोना मरीजों और कोरोना मेडिकल स्टाफ को बेहद ही खास तरह की चप्पल देने जा रही है.
किसी भी जूते और चप्पलों में 7 घंटे तक बैक्टीरिया चिपके रहते हैं, इन चप्पलों को आसानी से कहीं भी सैनिटाइज किया जा सकता है. सामान्य रूप से किसी व्यक्ति को 8000 कदम चलने की जरूरत पड़ती है. यह काम वन वेलेक्स जर्मनी चप्पलों को पहनकर 3000 कदम चलने पर ही पूरा हो जाता है. कंपनी का दावा है इन चप्पलों को पहनकर मरीजों और कोरोना के फ्रंट लाइन वॉरियर्स को पहनकर काफी राहत मिलेगी.
फैक्टरी में चप्पलों को बनाने का काम बड़े पैमाने पर शुरू हो चुका है. यह चप्पलें 3000 कदम में ही आपको 8000 कदम का फायदा पहुंचाती है. यह हर कदम पर आपके पैर की मांसपेशियों को ढाई गुना दबाते हैं. जो शरीर में खून के सर्कुलेशन और ऑक्सीजन को बहुत तेजी से बढ़ाता है.
कोरोना वायरस को ध्यान में रखकर इन चप्पलों और जूतों को बनाने में खास तरह के मटेरियल का इस्तेमाल किया गया है. ये पूरी तरह से वॉशेबल हैं. इन्हें पहनने के बाद आप पूरी तरह से एक्टिव और फिट रहेंगे. ऐसा कंपनी का दावा है.
कंपनी ने देश में जरूरतमंद कोविड मरीज और मेडिकल हेल्थ वर्कर्स को पीएम रिलीफ फंड द्वारा देने का ऐलान किया है. जूता कारोबारी आशीष जैन का कहना है कि कंपनी 10 हजार जोड़ी चप्पलें दान करेगी. जिनकी कीमत 50 लाख रुपये के आसपास है. देश के अलग- अलग अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से इन चप्पलों को फ्री में दिया जाएगा.