उन्नत तकनीक युद्धक्षेत्र को और अधिक जटिल बना रही

Update: 2023-08-12 11:00 GMT

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बृहस्पतिवार को अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान कहा कि युद्धक उपकरणों की क्षमताओं को बढ़ाने वाली विध्वंसक प्रौद्योगिकी और नवाचार वर्तमान युद्धक्षेत्र को अधिक जटिल और घातक बना रहे हैं। सैंडहर्स्ट स्थित रॉयल मिलिट्री अकादमी में आयोजित ‘सॉवरेन परेड’ में महाराजा चार्ल्स तृतीय का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले भारतीय के रूप में अपने ऐतिहासिक संबोधन में जनरल पांडे ने कहा कि यह युद्ध के मैदान पर सैनिकों का अटूट संकल्प, साहस और वीरता ही है, जो अंतिम जीत का निर्धारण करेगी।

पारंपरिक परेड के साथ प्रतिष्ठित अकादमी से पास होने वाले कमीशनिंग कोर्स नंबर 223 के 185 अधिकारी कैडेट के लिए एक प्रेरक भाषण में सेना प्रमुख ने उनसे उदाहरण पेश करने का आह्वान किया, क्योंकि वे ‘एक सैन्य नायक का पद धारण करते हैं’ और आगे बढ़ते हैं। उन्होंने उनसे परिवर्तन के प्रति अनुकूल होने की अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए कहा। जनरल पांडे ने कहा, ‘‘युद्ध के स्वरूप में बदलाव आ रहा है, विघटनकारी प्रौद्योगिकियों की क्षमता, साइबर, अंतरिक्ष और नवाचार के क्षेत्र में प्रगति और युद्ध उपकरणों की क्षमताओं में इजाफा वर्तमान युद्धक्षेत्र को और अधिक जटिल एवं घातक बना रहा है।’’

सेना प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि तकनीक क्षेत्र में प्रगति और आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति के बावजूद बंदूक के पीछे खड़े पुरुष या महिला का महत्व कम नहीं हुआ है। संप्रभु के प्रतिनिधि के रूप में अपनी भूमिका में जनरल पांडे ने दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के बर्कशायर स्थित सैन्य अकादमी में 201वीं ‘सॉवरेन परेड’ के निरीक्षण अधिकारी के रूप में ब्रिटिश महाराजा का प्रतिनिधित्व किया। वरिष्ठ जनरल की अगवानी अकादमी के कमांडेंट, मेजर जनरल जैक स्टेनिंग ने की। जनरल पांडे ने परेड में महिला और पुरुष कैडेट के साथ बातचीत की, जो उनके सामने ध्यान की मुद्रा में खड़े थे। जनरल पांडे, जो पत्नी अर्चना के साथ थे, ने महाराजा के प्रतिनिधि के रूप में पाठ्यक्रम में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले कैडेट को पुरस्कार भी प्रदान किए।

रॉयल गोरखा राइफल्स में कमीशन से पहले, ‘स्वार्ड ऑफ ऑनर’ सीनियर अंडर ऑफिसर डब्ल्यूजे क्लार्क को दिया गया, जिन्हें कमांडेंट ने सर्वश्रेष्ठ कैडेट माना था। जनरल पांडे को बृहस्पतिवार को ब्रिटेन की चार दिवसीय यात्रा की शुरुआत में लंदन में हॉर्स गार्ड्स परेड में एक औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ मिला था। भारतीय सेना ने उनकी इस यात्रा को भारत और ब्रिटेन के बीच राजनयिक, सैन्य और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने तथा रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग और समझ को बढ़ावा देने के लिहाज से मील का पत्थर करार दिया है।

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