एडीजे प्रथम कोर्ट ने अपहरण और दुष्कर्म मामले में दो दोषियों को सुनाई सजा
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अररिया। अररिया सिविल कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम मनोज कुमार तिवारी की न्यायालय ने अपहरण और बलात्कार की घटना करने के दो दोषियों को अलग - अलग धाराओं में दोषी करार देते हुए सोमवार को सजा सुनाई। न्यायालय ने पूर्णिया के सरसी गोखलापुर वार्ड संख्या दस के रहने वाले 36 वर्षीय मंजेश राम पिता - लोटरी राम को अपहरण और दुष्कर्म मामले में दोषी करार देते हुए बीस साल की सश्रम कारावास और पचास हजार रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई। जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर दोषी को तीन महीने तक की अतिरिक्त सजा भुगतने का फैसला सुनाया। मामले के अन्य दूसरे आरोपी सहरसा के सिमराहा के रहने वाले 35 वर्षीय अमित आनंद पिता - गजेन्द्र प्रसाद यादव को केवल अपहरण का न्यायालय ने दोषी पाया और उन्हें 10 साल की सश्रम कारावास के साथ - साथ 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई । जुर्माने की रकम नहीं अदा करने पर दो महीने तक की अतिरिक्त सजा भुगतने का फैसला सुनाया।
न्यायालय ने सत्र वाद संख्या 49/2022 में दोनों दोषियों को सजा सुनाई। जो कि रानीगंज थाना प्राथमिकी कांड संख्या -41/2021 से सम्बंधित हैं। जिसके सूचक पीड़िता की माँ हैं। जिन्होंने अपने प्राथमिकी में बताया था कि वह अपने पति के साथ दिनांक 10 फरवरी 2021 इण्टर की परीक्षा दिलवाने यादव कॉलेज आई थी और लौटने के क्रम में जैसे ही रजोखर बाजार से आगे सोरा पुल के पास पहुंची तो दोनों दोषियों के साथ अन्य 8 अज्ञात बदमाशों ने चार चक्का वाहन से उन्हें घेर लिया और पीड़िता को गाड़ी से उतार लिया और गाली गलौज कर बेटी की शादी साले के साथ करवाने की धमकी दी नहीं तो अपहरण कर लेने की धमकी का आरोप लगाया गया था।विरोध करने पर अपहरण कर मंजेश राम पीड़ित लड़की को अपने नानी के घर ले गया और उसके साथ वहां बलात्कार किया।वहीं पीड़िता ने न्यायालय को यह भी बताया कि उसे बेल्ट खोलकर मारा जाता था।सजा की बिन्दु पर वरीय अधिवक्ता कृष्ण मोहन सिंह ने न्यायालय को दोषियों के साथ शख़्ती न दिखाते हुए कम से कम सजा सुनाई जाने की गुहार लगाई।जबकि अपर लोक अभियोजक राजा नंद पासवान ने घृणित अपराध के लिए कोई रियायत नहीं रखते हुए अधिकतम सजा सुनाई जाने की मांग न्यायालय के समक्ष किया।जिस पर न्यायालय ने दोषियों को सजा सुनाई।