आदि शौर्य-पर्व पराक्रम का, मिलेट्री टैटू और जनजातीय नृत्य, गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर जनजातीय कार्य मंत्रालय 'मिलेट्री-टैटू' और जनजातीय नृत्य उत्सव 'आदि शौर्य पर्व पराक्रम का' आयोजित कर रहा है। विशेष उल्लेखनीय है कि यह अवसर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती का भी है, जिसके क्रम में 23 और 24 जनवरी को नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में पराक्रम दिवस मनाया जायेगा। इसके आयोजन में भारतीय तटरक्षक समन्वय एजेंसी की भूमिका निभा रहा है।
23 जनवरी को नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में उत्सव के दौरान मिलेट्री-टैटू के माध्यम से सशस्त्र बलों का दमखम प्रदर्शित किया जायेगा। इस दौरान जनजातीय समुदाय जोरदार नृत्य प्रदर्शन भी करेंगे, जिनमें भारत की विविधतापूर्ण जनजातीय संस्कृति का सौंदर्य नजर आयेगा। जनजातीय नृत्य दल आयोजन स्थल पर पहुंच चुके हैं। ये कलाकार छत्तीसगढ़, केरल, राजस्थान, झारखंड, लद्दाख, मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों के हैं। दर्शकों को हिमाचल प्रदेश के गद्दी नटी, गुजरात के सिद्धी धमाल, पश्चिम बंगाल से पुरुलिया छाहू और अन्य नृत्य विधाओं का आनन्द उठाने का अवसर मिलेगा।
रिहर्सल का निरीक्षण करने के लिये जनजातीय कार्य मंत्रालय की अपर सचिव आर. जया ने आयोजन स्थल का दौरा किया। उन्होंने रक्षा मंत्रालय, भारतीय तट रक्षक और जनजातीय कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की।
मनमोहक कार्यक्रमों, खासतौर से जनजातीय नृत्य विधाओं की ड्रेस रिहर्सल कुछ समय पूर्व से लगातार चल रही है। इसमें 1200 से अधिक कलाकार अपनी कला को धार दे रहे हैं तथा अपने सम्मोहनीय प्रदर्शन से शहर को चमत्कृत करने के लिये तत्पर हो रहे हैं। दर्शकों को आकर्षित करने के लिये आयोजन स्थल को बाहर व भीतर से जनजातीय कला से सजाया जा रहा है। दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम की शानदार सफलता सुनिश्चित करने के लिये तैयारियों का लगातार जायजा ले रहे हैं।
ग्रैंड फिनाले में प्रसिद्ध पाश्र्व गायक श्री कैलाश खेर अपनी गायन-कला का प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ मिलेट्री-टैटू और जनजातीय नृत्य कलाकार भी हिस्सा लेंगे। दोनों दिन 60 हजार से अधिक लोगों के आने की संभावना है।