चंडीगढ़। पड़ोसी राज्य पंजाब की जद से बाहर निकलकर नशे की काल कोठरी में हजारों युवा कैद हो चुके हैं और खतरनाक बात यह है कि लगातार यह संख्या उत्तरोत्तर रूप से बढ़ती जा रही है। हरियाणा का सीमावर्ती सिरसा जिला नशे की एक शुष्क बंदरगाह के तौर पर कुख्यात हो रहा है। हालात इतने संगीन हैं कि यहां डबवाली उपमंडल को पुलिस जिला बनाना पड़ गया। बर्बादी की इस अंतहीन दास्तां से रोज सामना करने वाले उन परिजनों की व्यथा और संताप को समझने वाला शायद कोई नहीं जिनके नौनिहाल इसकी जद में आ चुके हैं। वह बयान किसी को भूला नहीं होगा जब विधानसभा चुनाव के दौरान रानियां में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे वर्तमान मंत्री रणजीत सिंह ने कहा था कि एक महीने के अंदर नशे को खत्म कर देंगे। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंद्र सिंह ने भी गुटका साहब की शपथ उठाकर पंजाब से नशे को दूर करने का बयान दिया था। सियासी बयानबाजी कुछ भी हो लेकिन यह हकीकत है कि नशे से न केवल हरियाणा-पंजाब की जवानी बर्बाद हो रही है अपितु युवा नशे के शिकार होकर मौत को गले लगा रहे हैं। नशे के मामलों की जांच के दौरान यह रहस्योद्घाटन हुआ कि प्रदेश में राजस्थान से चिट्टा और दिल्ली से स्मैक, ओडिशा से गांजा, मध्यप्रदेश से अफीम व हिमाचल प्रदेश और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों से चरस या सुल्फे की तस्करी की जा रही है।
कांग्रेस विधायक अमित सिहाग इस मसले को हरियाणा विधानसभा में शिद्दत के साथ उठाते रहे हैं। इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला के अनुसार सिरसा जिले में ही नशे से तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और इसके शिकार होने वाले युवक-युवतियां दोनों हैं। इनेलो विधायक अभय चौटाला ने 10 अगस्त को विधानसभा में कहा था कि सिरसा, फतेहाबाद, हिसार और गुरुग्राम जिले नशों के प्रकोप से सर्वाधिक प्रभावित हैं। पुलिस विभाग के अधिकारियों के अनुसार इनकी तस्करी में संबंधित जिलों के स्थानीय निवासियों की संलिप्तता भी सामने आई है। जानकारों का यह भी कहना है कि नशे की तस्करी में स्थानीय तस्करों के अलावा नाइजीरियनों समेत विदेशी तस्कर भी संलिप्त हैं। नाइजीरियन तस्करों के बारे में यह भी कहा जाता है कि पकड़े जाने पर वे अपने पता-ठिकाना नहीं बताते। चिट्टे की ओवरडोज से हुई मौत को नशे के रूप में स्पष्ट नहीं किया जाता क्योंकि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में ऐसा दर्शाना मुश्किल है। ऐसे में बेशक रिकार्ड के लिहाज से तो मौतों का आंकड़ा कम बताया जा सकता है लेकिन गलियों-सडक़ों और सार्वजनिक स्थानों पर नशे की पिनक में पड़े युवाओं और उनके पास पड़ी सिरिंजों से तो पता लगता ही है कि मामला कितना संवेदनशील और गंभीर है। अधिकारियों के अनुसार नशा तस्करों के संपर्क में रहने वाले स्थानीय निवासियों ने उनके साथ एक मजबूत नेटवर्क कायम कर रखा है और वे उनके द्वारा लाया हुआ नशा ग्राहकों को देते हैं।
हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज कहते हैं कि सरकार नशे की सप्लाई की सीरीज पर अंकुश लगाने तथा नशा वितरण नेटवर्क को समाप्त करने के लिए विशेष अभियान चला रही है। इसी कारण भारी मात्रा में नशे जब्त करने में सफलता मिली है। अनिल विज के अनुसार सरकार का लक्ष्य स्कूल और कालेज छात्रों को नशों के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करके उन्हें इससे दूर करना है। नशा माफिया के विरुद्ध इस तरह के अभियान भविष्य में भी जारी रखे जाएंगे। हम लोगों को भी अपील कर रहे हैं कि वे तस्करी गतिविधियों के संबंध में कोई जानकारी मिलने पर फौरन अधिकारियों को या सीधे उन्हें सूचित करें।अनिल विज के आदेश है कि नशा सप्लाई करने वालो की अंतिम चैन तक पहुंच जड़ से खत्म किया जाए। हरियाणा सरकार ने नशाखोरी व तस्करी को रोकने की दिशा में विशेष कदम उठाते हुए प्रदेश में हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की स्थापना की है। साथ ही सरकार ने नशे की रोकथाम के लिए राहगीरी और साइक्लोथॉन जैसे कार्यक्रम भी किए हैं ताकि युवाओं को जागरूक किया जा सके। मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं इस मामले के प्रति काफी संवेदनशील हैं। हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) ओपी सिंह, जिन्होंने हाल ही में राज्य के नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला है, ने अपने अधिकारियों को पिछले तीन वर्षों के नशीली दवाओं के मामलों में डीप डाइव यानी ‘गहराई से गोता लगाने’ का निर्देश दिया। अपराध में शामिल शीर्ष 100 आदतन अपराधियों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई के लिए निर्देश उन्होंने दिए हैं।
हरियाणा में नशे को जड़ से समाप्त करने के लिए हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो ने नशे के खिलाफ अपनी मुहीम को तेज़ करते हुए आरोपियों की धरपकड़ शुरू हो गई है। इस वर्ष पहले 9 महीने में ही नशा तस्करों के नेक्सस पर वार करते हुए प्रदेश भर में हरियाणा एनसीबी की सभी ईकाइयों ने नशा ज़ब्ती व नशा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुँचाया है। वहीं आम जनता को नशे के खिलाफ जागरूक करने के लिए हरियाणा एनसीबी के अधिकारी आम जनता के बीच पहुंचेंगे। एडीजीपी ओ. पी सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष हरियाणा एनसीबी द्वारा प्रदेशभर में छापेमारी कर पहले 9 महीनों में ही तक़रीबन नशा तस्करों पर शिकंजा कसते हुए 315 एफआईआर दर्ज की है व 454 नशा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुँचाने में सफलता हासिल की है। उन्होंने बताया कि अम्बाला जिले में सबसे अधिक 39 एफआईआर दर्ज कर 59 तस्कर गिरफ्तार किये है, वहीं गुरुग्राम जिले में 33 एफआईआर दर्ज कर 35 आरोपी हिरासत में लिए है। कुरुक्षेत्र ने 27, भिवानी, फरीदाबाद, हिसार, करनाल ने 26 व रोहतक ने 24 एफआईआर दर्ज की है। वहीं अम्बाला यूनिट ने 59, कुरुक्षेत्र ने 51, हिसार ने 48, करनाल ने 47, गुरुग्राम ने 35 और फतेहाबाद और फरीदाबाद ने 34-34 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। ओ पी सिंह ने जनता को अलग अलग जनसम्पर्क कार्यक्रमों के ज़रिए ड्रग्स के खिलाफ जागरूक किया जाएगा । इस संबंध में सभी यूनिट को दिशा निर्देश जारी किये गए है। आमजन से अपील करते हुए बताया कि अगर आपको कहीं पर भी नशा बिकता हुआ दिखाई देता है तो बेफिक्र होकर हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के टोल फ्री नंबर नंबर 90508–91508 पर सूचना दे सकते हैं। सूचना देने वाले का नाम पता पूर्णता गुप्त रखा जाएगा।