दिल्ली। अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के चलते अपने शेयरों में आई गिरावट के बाद अडानी ग्रुप (Adani Group) निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश में जुटा है. अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के दावों को खारिज करने के लिए अपनी कुछ कंपनियों के स्वतंत्र ऑडिट के लिए अकाउंटेंसी फर्म ग्रांट थॉर्नटन (Grant Thornton) को नियुक्त किया है. 24 जनवरी को आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप ने अपने बचाव के लिए पहली बड़ी कोशिश की है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अडानी ग्रुप के शेयर इस कदर टूटे हैं कि कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन (Mcap) 50 फीसदी से अधिक घट गया है.
न्यूज एजेंसी रायटर्स के अनुसार, अडानी ग्रुप ने पिछले सप्ताह कहा था कि वो हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद कानूनी अनुपालन, संबंधित ट्रांजेक्शन और इंटरनल कंट्रोल से संबंधित मामले पर इंडिपेंडेंट वैल्यूएशन पर विचार कर रहा है. तभी पहली बार ग्रांट थॉर्नटन की नियुक्ति की खबर सामने आई थी. सूत्रों ने कहा कि अडानी समूह की कुछ कंपनियों के स्वतंत्र ऑडिट की जिम्मेदारी ग्रांट थॉर्नटन को दी गई है और ये नियुक्ति गोपनीय है.
सूत्रों में से एक ने कहा कि ग्रांट थॉर्नटन इस बात की जांच करेगा कि अडानी ग्रुप में रिलिटेड-पार्टी ट्रांजेक्शन कारपोरेट गवर्नेंस के स्टैंडर्ड्स का पालन करते हैं या नहीं. हालांकि, ग्रांट थॉर्नटन और अडानी समूह ने अभी इसपर किसी भी तरह का बयान नहीं दिया है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 24 जनवरी को पब्लिश हुई थी. उसके बाद 13 फरवरी तक अडानी ग्रुप के शेयरों के मार्केट कैपिटलाइजेशन (Mcap) में 53 फीसदी की गिरावट आई है. स्टॉक मार्केट में अडानी ग्रुप की कुल 10 कंपनियां लिस्टेड हैं.