STF का एक्शन: पकड़ा गया गैंग का मास्टरमाइंड, लोगों से कर ली करोड़ों की ठगी

Update: 2022-06-25 11:31 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

लखनऊ: लग्जरी कारों का मालिक बनकर ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड तौसीब अहमद को एसटीएफ ने लखनऊ से धर दबोचा है. एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए मास्टरमाइंड तौसीब के पास से एटीएम कार्ड, लैपटॉप, चेक बुक, पासबुक, एक्टिवेटेड सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड, चार पहिया वाहन और 6 हजार रुपए बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार किए गए आरोपी ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि उसके गिरोह के सदस्य दिल्ली एनसीआर, बिहार के सिवान, गोपालगंज के साथ लखनऊ तक फैले हैं.

एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि पूछताछ में आरोपी तौसीब ने बताया कि वह और गिरोह के सदस्य फर्जी नाम पते पर बैंक खाते खुलवाते हैं. इसके बाद अलग-अलग कार कंपनियों के मालिकों के बारे में गूगल और सोशल मीडिया से जानकारी हासिल कर लेते हैं, फिर कंपनियों के मालिकों की फोटो इंटरनेट के माध्यम से डाउनलोड कर वॉट्सएप डीपी के तौर पर लगाते हैं. वॉट्सएप डीपी लगाकर यह लोग बैंक के मैनेजर और कार कंपनी के अकाउंटेंट को मैसेज और कॉल के जरिए विश्वास दिलाते हैं कि वह कंपनी के मालिक हैं. जब तरकीब काम कर जाती है तो आरोपी पैसों की तत्काल जरूरत का हवाला देकर फर्जी नाम पते पर खुलवाए गए बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर करवा लेते हैं.
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार किया गया आरोपी इंटरनेट से वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल, वॉट्सएप और वर्चुअल नंबर क्रिएट करने के साथ-साथ इंटरनेट मोबाइल बैंकिंग से अलग-अलग खातों में रुपए ट्रांसफर करने के साथ रुपयों को एटीएम से निकलवाने से लेकर ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था और होटल में सदस्यों को रुकवाने काम देखता है. गिरफ्तार किया गया गिरोह का मास्टरमाइंड तौसीब अहमद वॉट्सएप कॉलिंग से ही गिरोह के संपर्क में रहता था. उसने कभी भी नॉर्मल नंबर यूज नहीं किया. आरोपी ने अक्टूबर 2021 में गिरोह के सदस्यों के साथ जयपुर स्थित महिंद्रा एजेंसी से 40 लाख की ठगी की थी.
ठगी के घटना के बाद आरोपी को जयपुर की स्पेशल क्राइम और साइबर क्राइम कमिश्नरेट पुलिस ने तौसीब अहमद के साथ उसके गिरोह के साथी सदस्य रानू, निहाल और गुड्डू को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया था. वहां से जमानत मिलने के बाद जनवरी 2022 में मर्सिडीज बेंज कार एजेंसी एसआरएम स्मार्ट हूप्स प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ, होंडा कार एजेंसी सुगोई मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली का चीफ फाइनेंस ऑफिसर बनकर आरटीजीएस और नेट बैंकिंग के जरिए से 14 फर्जी बैंक खातों में 18 लाख 40 हजार और 58 लाख रुपए की ठगी की थी. तौसीब ने इन कंपनियों से कुल 76 लाख 40 हजार की ठगी की थी.
ठगी करने के बाद तौसीब ने अपने गिरोह के सदस्य रानू सिंह को वॉट्सएप कॉल कर लखनऊ के एटीएम से रुपए निकलवाने के लिए कहा था, लेकिन पुलिस को इस बारे में पता चल गया था. इसके बाद पुलिस ने रानू सिंह को गिरफ्तार कर लिया था. रानू सिंह की जमानत भी तौसीब ने 4 माह बाद मई 2022 में कराई थी. तौसीब ने वॉट्सएप कॉल के जरिए ओसियन मार्ट अहमदाबाद का मालिक बनकर लखनऊ से कंपनी के अकाउंटेंट को कॉल किया और धोखाधड़ी कर अलग-अलग बैंक खातों में लगभग एक करोड़ रुपए ट्रांसफर कराए. पूछताछ में उसने बताया कि उसके ग्रुप में दर्जनभर लोग हैं, जिसमें मुख्य रूप से सुमित शर्मा, रानू सिंह, निहाल सिंह, प्रेम सिंह, राहुल कुमार, पंकज शाह गुड्डू शामिल हैं. 


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