नौकरी से ACP की छुट्टी, एसीबी ने आपत्तिजनक हालत में किया था गिरफ्तार

राज्य सरकार ने जारी किया आदेश

Update: 2021-03-15 13:11 GMT

जयपुर. रिश्वत में अस्मत मांगने वाले आरोपी एसीपी कैलाश चंद बोहरा को गहलोत सरकार ने प्रक्रिया अपनाए बिना बर्खास्त कर दिया है. संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत आरोपी अधिकारी को बर्खास्त किया गया है. सोमवार को विधानसभा में शून्यकाल के दौरान इस मामले की गूंज सुनाई दी. स्थगन प्रस्ताव के जरिए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने यह मामला उठाया और सरकार से इस पर जवाब मांगा. स्पीकर ने व्यवस्था देते हुए मामले पर सरकार की ओर से सदन में जवाब दिलवाया. मंत्री शांति धारीवाल ने अपने जवाब में कहा कि यह केस रेयर ऑफ दे रेयरेस्ट प्रकृति का है और ऐसे मामलों से ना केवल पुलिस विभाग बल्कि राज्य सरकार की भी छवि खराब होती है.

उन्होंने कहा कि राजस्थान ही नहीं पूरे देश में ऐसे कई मामले मिलेंगे. लेकिन ऐसे मामलों में पीड़ित होस्टाइल हो जाते हैं और आखिरकार आरोपी बरी हो जाता है. धारीवाल ने कहा कि इस मामले में आरोपी अधिकारी कैलाश बोहरा को संविधान के अनुच्छेद 311 का विशेष प्रावधान अपनाते हुए बिना किसी प्रक्रिया के सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. संविधान के इस अनुच्छेद में प्रावधान है कि यदि नियोक्ता समझता है कि कार्मिक को सेवा से तत्काल हटाया जाना जरुरी है तो नियत प्रक्रिया का पालन किए बिना ही उसे बर्खास्त किया जा सकता है.

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