पुलिस पर आरोप, तजिंदर सिंह बग्गा को गिरफ़्तार करते समय नहीं बांधने दी पगड़ी
दिल्ली। भाजपा नेता तजिंदर सिंह बग्गा को पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं देने का मामला जोर पकड़ रहा है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने इसे लेकर पंजाब के मुख्य सचिव से सात दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा, "हमने पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सात दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है कि बग्गा को पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी गई, जबकि उन्हें पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था।"
पंजाब के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में आयोग ने कहा, "आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स का स्वत: संज्ञान लिया है कि सिख अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति बग्गा को 6 मई, 2022 को पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के दौरान पगड़ी पहनने की इजाजत नहीं मिली। यह एक गंभीर मामला है। एक सिख व्यक्ति के धार्मिक अधिकारों के उल्लंघन का मामला है। आयोग आपसे कथित घटना पर तथ्यात्मक रिपोर्ट को 7 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने की अपील करता है।"
वहीं, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने शनिवार रात निर्देश दिया कि बग्गा के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम न उठाया जाए। इससे पहले दिल्ली भाजपा के नेता ने मोहाली की एक अदालत द्वारा दिन में जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। कोर्ट बग्गा की उस याचिका पर 10 मई को विचार करेगा, जिसमें पिछले महीने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की अपील की गई है।
पंजाब पुलिस ने भड़काऊ बयान देने, दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में बग्गा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मोहाली के निवासी आप के नेता सनी अहलूवालिया की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया। एक अप्रैल को दर्ज प्राथमिकी में 30 मार्च की बग्गा की टिप्पणी का उल्लेख है, जो उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर भाजपा युवा मोर्चे के विरोध प्रदर्शन के दौरान की थी। बग्गा को पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। हालांकि बग्गा को पंजाब ले जा रहे पुलिसकर्मियों को हरियाणा में रोक लिया गया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस उन्हें वापस दिल्ली ले आई थी।