सरकारी राशन दुकान से प्लास्टिक चावल बांटने का आरोप, जांच शुरू

झारखंड के बोकारो में चास प्रखंड के कोलबेंदी गांव में सरकारी राशन की दुकानों से प्लास्टिक चावल ग्राहकों को बांटने का आरोप लगा है

Update: 2022-01-27 16:08 GMT

झारखंड के बोकारो में चास प्रखंड के कोलबेंदी गांव में सरकारी राशन की दुकानों से प्लास्टिक चावल ग्राहकों को बांटने का आरोप लगा है। ग्रामीणों ने गुरुवार को पीडीएस दुकान पर जमकर हंगामा किया। घटना की सूचना पर उपायुक्त बोकारो कुलदीप चौधरी के निर्देश पर डीएसओ प्रकाश कुमार पहुंचे। इसके बाद ग्रामीणों की ओर से दिखाए गए चावल की जांच की।

इसके साथ ही जितन बाउरी के पीडीएस दुकान और मोमिन ग्रुप के दुकान की जांच की गई। जहां पूर्व में आवंटित किया गया चावल जीतन बाउरी के दुकान में पाया गया। उसमें प्लास्टिक जैसे चावल थे। दुकानदारों ने कहा कि सरकारी आवंटन में गोदाम से ही भेजा गया है।
वहीं डीएसओ ने बताया कि चास शहरी और ग्रामीण के कई दुकानों को एफसीआई के गोदाम से क्वालिटी चेक के बाद ही आवंटन दिया जाता है। ये चावल पूर्व में बंटे हैं। केवल ऐसी शिकायत कोलबेंदी से ही आई है और किसी जगह से ऐसी शिकायत नहीं मिली है। इसलिए इसकी बारीकी से जांच की जा रही है।
कहा तीन सील बोरे की जांच करने के बाद उसमे एक भी चावल का दाना खराब नही मिला। बोकारो के डीसी कुलदीप चौधरी का कहना है कि मामले की जांच के लिए डीएसओ को कहा गया है। चावल का सैंपल लिया गया है। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
पेट दर्द के बाद प्लास्टिक चावल की बात आयी सामने
कोलबेंदी के विभिन्न टोला में प्लास्टिक चावल खाने के बाद लोगों में पेट दर्द ,उल्टी आदि की शिकायत की है। घर-घर पेट दर्द की शिकायत के बाद ग्रामीणों को चावल में प्लास्टिक होने की जानकारी मिली। इसके बाद लगभग 5 सौ से अधिक घरों में पीडीएस दुकान से लिए गए लगभग सौ क्विंटल चावल में कुछ मात्रा प्लास्टिक जैसी चावल होने की बात सामने आई।
ग्रामीणों ने बताया कि एक किलो चावल में सौ ग्राम प्लास्टिक चावल मिला हुआ है, बारिकी से जांच करने पर प्लास्टिक दिख रहा है। इस बाबत कार्डधारी आशमा बीबी, सतमा देवी, उपाशी देवी, रेखा देवी, फुलन देवी, टुपली देवी, जुलेखा बीबी ने बताया कि ऐसे चावल उबालने के बाद प्लास्टिक गेंद जैसा हो जा रहा है।
चावल खरीदने को विवश लोग
इधर पीडीएस दुकान में प्लास्टिक चावल मिलने के बाद ग्रामीणों में भय है। लोग पीडीएस दुकानों से मिलें चावल को पकाने को छोड़कर किराना दुकान से चावल खरीदने को विवश है। इस बाबत कार्डधारी तुलसी देवी ने कहा कि ऐसे चावल खाने से लोग बीमार हो सकते है।
गरीबों का भरण पोषण में कोटा दुकान से मिलते चावल बहुत सहायक होता है। कोरोना संकट के बाद इसी चावल से गरीब बचे हुए है। लेकिन इस माह प्लास्टिक चावल मिलनें के बाद लोगों में डर समा गया है। कितनें महीनों से ऐसा चावल लोग खा रहे है, इसको लेकर भी लोग भयभीत है। ग्रामीणों ने बताया कि काफी संख्या में गांव में पेट, किड़नी, लीवर आदि बीमारी से ग्रामीण ग्रसित हो रहे है।
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