ACB ने किया एसआई को गिरफ्तार, 7 हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया

निलंबन आदेश भी जारी

Update: 2022-07-16 01:13 GMT

यूपी। लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित थाना सैरपुर की बौरूमऊ चौकी के प्रभारी योगेश सिंह को एंटी करप्शन की टीम ने सात हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ धर दबोचा और फिर जानकीपुरम थाने में दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. मिली जानकारी के मुताबिक, सब इंस्पेक्टर मारपीट के मामले में दर्ज मुकदमें में दो लोगों के नाम को हटाने के लिए सात हजार रुपये की घूस मांग रहा था और इसी को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायत की गई थी. जिसके बाद एंटी करप्शन की टीम ने सैरपुर की बौरूमऊ चौकी पर पहुंचकर घूस लेते हुए दरोगा को रंगे हाथों पकड़ लिया. शिकायतकर्ता की मानें तो मारपीट मामले में उसे फंसाया गया है और इसी के चलते नाम हटवाने के लिए घूस की मांग की गई. फिलहाल एन्टी करप्शन की ट्रैप टीम द्वारा दरोगा को पकड़ने के बाद, पुलिस कमिश्नरेट ने एसआई योगेश को सस्पेंड भी कर दिया है.

एंटी करप्शन विभाग के डीआईजी राजीव मल्होत्रा ने बताया कि बीते 26 मार्च को सैरपुर इलाके के टंटापुर गांव में जमीनी विवाद में शिकायतकर्ता बिजेंद्र कुमार से मुकदमे में उसका नाम निकालने के लिए, आरोपी उप निरीक्षक योगेश सिंह थाना सैरपुर बहुऊमऊ के चौकी इंचार्ज 7 हज़ार रुपए की मांग रिश्वत के तौर पर कर रहे थे, जिसके चलते लखनऊ की एंटी करप्शन टीम द्वारा सब इंस्पेक्टर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है.

डीआइजी मल्होत्रा ने आगे बताया कि घूसखोर दरोगा को रंगे हाथों पकड़ने के लिए एक टीम गठित की गई थी. टीम गठित होने के बाद शिकायतकर्ता विजेंद्र लगातार दारोगा योगेश के संपर्क में थे और उससे रुपयों की बात कर रहे थे. हमारी टीम के साथ विजेंद्र, दारोगा को सात हजार रुपये देने के लिए पहुंचे. विजेंद्र ने जैसे ही दारोगा को सात हजार रुपये दिए तभी एसीबी की टीम ने उन्हें रंगेहाथ पकड़ लिया. दरअसल, विगत 26 मार्च को सैरपुर इलाके टंटापुर गांव में जमीनी विवाद में जितेंद्र और रामस्वरूप के पक्ष की तरफ से मारपीट हुई थी. मामले में जितेंद्र की ओर से रामस्वरूप और उसके घरवालों और साथियों समेत नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

वहीं, रामस्वरूप के पक्ष से भी जितेंद्र और उसके परिवारजन समेत नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. दोनों मामलों की विवेचना चौकी प्रभारी बौरूमऊ योगेश कर रहे थे.और इसी मामले में दरोगा अवसर का लाभ देखते हुए शिकायतकर्ता से दो नाम हटाने के लिए लागातार दवाब बना रहे थे और 7 हज़ार की मांग कर रहे थे.

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