भिवाडी: अलवर के भिवाडी में एसीबी की टीम ने रविवार को जिले के थानागाजी के प्रतापगढ सीएचसी में कार्रवाई कर गलत एमएलसी रिपोर्ट बनाने के एवज में 25 हजार की रिश्वत लेते प्रतापगढ़ सीएचसी प्रभारी डॉ. योगेश शर्मा एवं डाॉ समर्थलाल और एक मेडिकल दुकानदार सुनील गोयल को रंगे हाथ गिरफतार कर लिया. डॉक्टरों ने एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. इसमें से 15 हजार रुपये डॉक्टर पहले ले चुके थे.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक डॉ रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि एसीबी की अलवर द्वितीय हाल भिवाडी इकाई को परिवादी की ओर से शिकायत दी गई कि थाना प्रतापगढ में दर्ज मारपीट के मुकदमें में गंभीर चोटों की एमएलसी रिपोर्ट पक्ष में बनाने की एवज में डॉ समर्थलाल मीणा व डॉ योगेश शर्मा दोनों चिकित्साधिकारियों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रतापगढ़ जिला अलवर की ओर से एक लाख रुपये की रिश्वत राशि की डिमांड की गई है. इसके लिए उसको परेशान किया जा रहा है.
इस पर एसीबी जयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस कालूराम रावत के सुपरवीजन में एसीबी अलवर द्वितीय भिवाडी इकाई के उप अधीक्षक पुलिस परमेश्वर लाल के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन करवाया गया. शिकायतकर्ता ने दलाल व डॉक्टर को फोन किया. इस दौरान रिश्वत की राशि कम करने व उनके हिसाब से रिपोर्ट बनाने को लेकर बातचीत हुई.
इसमें मामला सही पाया गया. इस पर रविवार को एसीबी की टीम ने ट्रैप की कार्रवाई करते हुए आरोपी डॉ समर्थलाल मीणा, डॉ योगेश शर्मा एवं दलाल सुनील गोयल मेडिकल स्टोर संचालक प्रतापगढ़ को परिवादी से 25 हजार रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. डॉक्टर के पास एसीबी द्वारा दिए गए विशेष स्याही के नोट मिले. एसीबी के अधिकारी ने बताया कि आरोपी डॉ योगेश शर्मा चिकित्साधिकारी ने शिकायत के सत्यापन के दौरान भी परिवादी से 15 हजार रुपये रिश्वत राशि के रूप में वसूल कर लिये थे.
एसीबी जयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस कालूराम रावत के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ तथा कार्रवाई जारी है. एसीबी मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा. इस संबंध में एसीबी की टीम डॉक्टर के घर पर जांच पड़ताल के साथ ही दलाल मेडिकल स्टोर संचालक की दुकान में भी जांच पड़ताल की गई.
एसीबी के अधिकारियों ने कहा कि तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनको एसीबी विशेष न्यायालय में पेश किया जाएगा. न्यायालय से इन लोगों से पूछताछ के लिए समय लिया जाएगा और पूछताछ में और खुलासे हो सकते हैं. एसीबी की टीम डॉक्टर के मोबाइल की कॉल रिकॉर्डिंग चेक कर रही है. साथ ही इनके लैपटॉप सहित अन्य अकाउंट्स को भी चेक किया जा रहा है.