नई दिल्ली (आईएएनएस)| 2022-23 के सत्र में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के स्कूलों में नामांकन में 17 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई, जिसमें 8,75,000 बच्चे नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक पढ़ रहे थे। साथ ही, शिक्षक-छात्र अनुपात में भी वृद्धि हुई है, जिससे भर्ती की आवश्यकता और पदों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।
दिल्ली के पब्लिक प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को उम्मीद है कि हाल ही में दिल्ली नगर निगम के चुनावों में आम आदमी पार्टी की जीत एमसीडी स्कूलों में बदलाव लाएगी या कम से कम प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुचारू बनाएगी।
अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ के उप महासचिव नवीन सांगवान ने कहा, जैसा कि आप सत्ता में आई है, हमें उम्मीद है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों की तरह, एमसीडी स्कूलों को बेहतर बुनियादी ढांचा व अधिक धन मिलेगा।
सांगवान के अनुसार, दिल्ली के एमसीडी स्कूलों में करीब 5,000 शिक्षक पद और 500 से अधिक प्रधान शिक्षक पद खाली हैं।
कई स्कूलों में बुनियादी चीजें ही बेहद कमजोर है। तीन छात्र एक डेस्क पर बैठते हैं, जबकि कुछ छात्र नीचे चटाई पर बैठते हैं। सफाई एक समस्या बनी हुई है क्योंकि एक स्कूल को केवल एक सफाई कर्मचारी आवंटित किया जाता है। वहीं बिल्िंडग भी जर्जर स्थिति में हैं।
एमसीडी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार इन निकाय चुनावों में हर पार्टी के घोषणापत्र में रहा है। आम आदमी पार्टी जीती है, लेकिन इससे पहले उसने अपने स्कूलों की जर्जर स्थिति और शिक्षा के स्तर में सुधार करने में विफल रहने के लिए 15 साल तक एमसीडी पर शासन करने वाली भाजपा को बहुत आक्रामक तरीके से निशाना बनाया था।
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने मई में एमसीडी द्वारा चलाए जा रहे चार स्कूलों के औचक दौरे के दौरान खराब शौचालय, गंदे परिसर, विविध बुनियादी ढांचे की खामियां, खुले बोरहोल, खुले तार और बच्चों के लिए अन्य खतरे वाली कमियां नोटिस की थीं। आयोग ने कहा कि बुनियादी ढांचे की कमियों ने छात्रों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है।
भाई मनदीप नागपाल निगम विद्यालय, निगम प्रतिभा सह शिक्षा विद्यालय, पूर्वी दिल्ली नगर निगम प्रतिभा विद्यालय और दक्षिण दिल्ली नगर निगम प्राथमिक सह बाल बालिका विद्यालय में 20 से 21 मई के बीच औचक निरीक्षण किया गया।
दिल्ली में, पब्लिक स्कूलों को दो श्रेणियों में बांटा गया है, वे जो दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं और वे जो एमसीडी द्वारा चलाए जा रहे हैं। जबकि एमसीडी केवल कक्षा 5 तक के स्कूल चला सकती है, दिल्ली सरकार के पास ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। सभी नगरपालिका स्कूल के छात्रों के पास कक्षा 6 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित होने का विकल्प है।
हाल ही में, एक राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) की रिपोर्ट ने कक्षा तीसरी के स्तर पर स्कूलों के खराब प्रदर्शन पर प्रकाश डाला।
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने एमसीडी को एक नोटिस जारी कर उसके प्राथमिक स्कूलों के कथित खराब प्रदर्शन के लिए दो सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।
वॉचडॉग ने नगरपालिका स्कूलों में शिक्षण और सीखने की गुणवत्ता को उजागर करने के लिए कक्षा 3 और 5 के लिए एनएएस 2021 की रिपोर्ट का हवाला दिया।
एमसीडी ने आरोपों को खारिज किया।
नेशनल अचीवमेंट सर्वे नवंबर 2021 में तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए आयोजित किया गया था, और इसके निष्कर्ष इस साल मई में जारी किए गए थे।
एनएएस कक्षा तीसरी के परिणामों ने नगरपालिका स्कूलों में शिक्षण और सीखने की एक निराशाजनक तस्वीर चित्रित की थी। एमसीडी स्कूलों के तीसरी कक्षा के परिणाम तीन विषयों भाषा, गणित और पर्यावरण अध्ययन में राष्ट्रीय औसत से नीचे थे।