हिजाब विवाद पर आदित्य ठाकरे बोले- स्कूल कॉलेज शिक्षा का केंद्र, इनमें धार्मिक चीजों को नहीं लाना चाहिए

Update: 2022-02-09 12:03 GMT

Aaditya Thackeray on Karnataka Hijab Row: हिजाब (Hijab) को लेकर छिड़ी बहस और विवाद के बीच अब महाराष्ट्र (Maharashtra) के मंत्री आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) की इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है. आदित्य का कहना है कि स्कूलों में केवल पढ़ाई पर ध्यान दिया जाना चाहिए इन सब विवादों पर नहीं. इस विवाद को लेकर आदित्य ने कहा, ''स्कूल व कॉलेज के लिए यूनिफॉर्म तय होती है और इसे फॉलो किया जाना चाहिए. शिक्षा के केंद्रों में केवल शिक्षा पर ही ध्यान दिया जाना चाहिए. धार्मिक व राजनैतिक मुद्दों को स्कूलों और कॉलेजों में नहीं लाना चाहिए.''

यहां आपको बता दें कि कर्नाटका (Karnataka) में कॉलेज में हिजाब पहने को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. इसी मुद्दे को लेकर देशभर में बहस छिड़ गई है और सभी राजनीतिक पार्टियां इसपर राजनैतिक रोटियां सेकती दिख रही हैं.
कर्नाटक के उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में जनवरी महीने में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षा में बैठने से रोका गया था. कॉलेज ने यूनिफॉर्म पॉलिसी को इसकी वजह बताया जिसके बाद छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnatka High Court) में याचिका दायर करते हुए तर्क दिया कि हिजाब पहनने की इजाजत ना देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत मौलिक अधिकार का हनन है.
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने कहा, 'हम कारणों से चलेंगे, कानून से चलेंगे. किसी के जुनून या भावनाओं से नहीं. जो संविधान कहेगा, वही करेंगे. संविधान ही हमारे लिए भगवद्गीता है. मैंने संविधान के मुताबिक चलने की शपथ ली है. भावनाओं को इतर रखिए. हम ये सब हर रोज होते नहीं देख सकते.'
हिजाब को लेकर विवाद के चलते कर्नाटक में शुरू हुआ प्रदर्शन मंगलवार को पूरे राज्य में फैल गया. कॉलेज परिसरों में पथराव की घटनाओं के कारण पुलिस को बल प्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जहां 'टकराव-जैसी' स्थिति देखने को मिली. कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र और राजस्व मंत्री आर अशोक ने कांग्रेस पर हिजाब विवाद को भड़काने का बुधवार को आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि कक्षाओं में हिजाब और भगवा गमछा पहनने की अनुमति नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करेगी और जब सरकार ने वर्दी संबंधी नियम को स्पष्ट करने के लिए आदेश दे दिया है, तो कानून को हाथ में लेना उचित नहीं है.


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