पुलिस के धमकाने पर सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवक ने की खुदकुशी
सुसाइड नोट छोड़ा.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहीमाबाद थाना क्षेत्र में दो पुलिस सब-इंस्पेक्टरों और एक कांस्टेबल द्वारा कथित रूप से प्रताड़ित किए जाने और धमकाने के बाद 22 वर्षीय एक सिविल सेवा परीक्षार्थी ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। यह घटना रविवार को हुई और रहीमाबाद के गढ़ो गांव के पीड़ित आशीष कुमार ने एक सुसाइड नोट छोड़ा, इसमें उसने विस्तार से बताया कि किस कारण से उसने अपनी जीवन लीला समाप्त की और यह भी बताया कि कैसे पुलिस कर्मियों ने उसके खिलाफ एक फर्जी मामले के जरिए उसके माता-पिता को 50,000 रुपये देने के लिए मजबूर किया।
उसकी मां सुशीला ने पुलिस कर्मियों पर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया। आशीष को उसके और उसके भाई मयंक के खिलाफ सब-इंस्पेक्टर राजमणि पाल और ललन प्रसाद और कांस्टेबल श्याम लाल द्वारा दर्ज किए गए एक फर्जी मामले के बारे में पता चला। उसने अपने घर के एक कमरे में खुद को बंद कर लिया। जब उसने अपने परिवार द्वारा की गई कॉल का जवाब नहीं दिया, तो दरवाजे को तोड़ा गया, जहां वह फांसी पर लटका मिला।
शुरुआती जांच से पता चला कि आशीष के पिता की मलिहाबाद में 2018 से एक नंदू विश्वकर्मा के साथ दुश्मनी थी और मामला न्यायाधीन था। हाल के दिनों में, मलिहाबाद के कुछ हिस्से को तराशा गया और एक नया पुलिस स्टेशन रहीमाबाद बनाया गया था। पीड़ित का घर अब रहीमाबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। ऐसा आरोप है कि नंदू ने श्याम लाल के साथ सांठगांठ की, इसने कुछ समय पहले आशीष के पिता महादेव से 7,000 रुपये लिए थे और आशीष और उसके भाई के खिलाफ उनके घर में घुसने और उन्हें धमकी देने की झूठी शिकायत दर्ज कराई। यह भी आरोप है कि नंदू ने आशीष को डराने-धमकाने के लिए पुलिस को पैसे दिए।
मृतक की मां ने कहा, आशीष को एसआई द्वारा धमकाया गया और लूट के मामले में फंसाने की धमकी दी गई। आशीष डर गया और उसने अपना भविष्य अंधकार में देखा और इसलिए उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआई राजमणि ने उसके खिलाफ मामले को कमजोर करने के लिए परिवार से 50,000 रुपये की मांग की। मामले का संज्ञान लेते हुए पश्चिम क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त राहुल राज ने दो पुलिस उपनिरीक्षक राजमणि, ललन प्रसाद व सिपाही श्याम लाल को लाइन हाजिर कर जांच के आदेश दिए हैं।