एक ऐसा गांव जहां पेड़ पर चढ़कर बच्चे करते है पढ़ाई, जाने क्यों है ऐसी व्यवस्था

Update: 2021-02-11 03:25 GMT

कोरोना काल में ऑनलाइन क्लास ही छात्रों का एकमात्र सहारा रही है. स्कूल बंद होने के कारण मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई का ट्रेंड तेजी से बढ़ा. लेकिन अभी भी देश के कई इलाके ऐसे हैं, जहां मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई करना किसी चुनौती से कम नहीं.

मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के केसला ब्लॉक में ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्रों की कुछ ऐसी ही कहानी है. दरअसल, केसला ब्लॉक में ऑनलाइन पढ़ाई छात्रों के लिए सहूलियत कम और मुसीबत ज्यादा है. क्योंकि इस दूरस्थ आदिवासी ब्लॉक में कमजोर मोबाइल नेटवर्क की वजह से छात्रों का काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता रहा है.
होशंगाबाद जिले केसला आदिवासी ब्लाकों में ऐसे कई गांव हैं जहां मोबाइल नेटवर्क बेहद कमजोर है. इसकी वजह से आदिवासी छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए या तो पेड़ पर चढ़ना पड़ता है या फिर अपने घर की छत पर चढ़कर मोबाइल चलना पड़ता है.
ऑनलाइन पढ़ाई में कमज़ोर मोबाइल नेटवर्क की वजह से होने वाली परेशानी को देखते हुए बच्चो को पढ़ने के लिए मोहल्ला क्लास लगाने की व्यवस्था बनाई गयी है. जहां पर शिक्षक खुद जाकर एक जगह बच्चों को इकट्ठा कर पढ़ाते हैं.
इस बारे में आजतक से बात करते हुए इलाके की ब्लॉक शिक्षा अधिकारी आशा मौर्य ने बताया कि 'केसला आदिवासी क्षेत्र है. यहां कई गांव शैडो एरिया में आते हैं. इन गांवों में मोबाइल नेटवर्क का बड़ा इशू है. ऑनलाइन पढाई की व्यवस्था है. वाट्सअप ग्रुप के जरिये पढ़ाई कराई जाती है. इसलिए राज्य शिक्षा केन्द्र ने मोहल्ला क्लास बनाई है. इसमें शिक्षकों को सामग्री उपलब्ध कराई जाती है, जिसके जरिये बच्चों को पढ़ाया जाता है.

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