रेलवे कोच पुनर्निमाण वर्कशॉप में अब तक कुल 150 एनएमजीएचएस ऑटोमोबाइल कैरियर कोच तैयार

Update: 2023-07-26 13:04 GMT
जबलपुर। भारतीय रेलवे द्वारा रोलिंग स्टॉक प्रोग्राम के तहत ऑटोमोबाइल ट्रांसपोर्ट के सुरक्षित और तेज परिवहन के लिए पुराने आईसीएफ कोचों को एनएमजीएचएस कोचों के रूप में विकसित कर फ्रेट ट्रेन के लिए तैयार किया जा रहा है। जिससे माल यातायात को बढ़ाने तथा सुरक्षित एवं किफायती परिवहन के लिए आईसीएफ कोचों को परिवर्तित और 110 किमी प्रति घंटे की गति से चलने के लिए न्यू मॉडिफाइड गुड्स हाई स्पीड (एनएमजीएचएस) कोच ऑटोमोबाइल कैरियर एवं पार्सल वैन में मल्टी पर्पस स्टॉक के लिए काफी उपयोगी साबित हो रही है। इसी कड़ी में पमरे के कोच पुनर्निमाण वर्कशॉप (सीआरडब्ल्यूएस) कारखाना भोपाल में पुराने आईसीएफ कोचों को परिवर्तित करके नये डिजाइन के न्यू मॉडिफाइड गुड्स हाई स्पीड़ (एनएमजीएचएस) कोचों के रूप में विकसित कर तैयार किया जा रहा है।
रोलिंग स्टॉक प्रोग्राम के तहत 150 कोचों का लक्ष्य मिला जिसे पूरा किया :- गौरतलब है कि भारतीय रेल पर पहला एनएमजीएचएस रैक पश्चिम मध्य रेल में ही तैयार हुआ था। रेलवे बोर्ड द्वारा रोलिंग स्टॉक प्रोग्राम के तहत 150 आईसीएफ कोचों को परवर्तित का लक्ष्य मिला था, जिसे पमरे द्वारा मई 2023 तक पूरा किया गया। जिसमें पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में 101 एनएमजीएचएस कोचेस तैयार किये और बाकी इस वित्तीय वर्ष 2023 -24 में 49 एनएमजीएचएस कोचेस तैयार कर पूर्ण किये।
नए रोलिंग स्टॉक प्रोग्राम के तहत 400 कोचों का मिला है लक्ष्य :- रेलवे बोर्ड द्वारा नए रोलिंग स्टॉक प्रोग्राम के तहत पमरे को मई 2023 में 400 आईसीएफ कोचों को नए एनएमजीएचएस कोचेस में परिवर्तित करने का लक्ष्य मिला है। इसमें मटेरियल से सम्बंधित सभी के इंडेंट प्लेस किए जा चुके हैं। इस दिशा में त्वरित गति कार्य करते हुए प्रत्येक माह में एक रैक तैयार करने कि योजना है। पहला रैक अगस्त माह में तैयार हो जायेगा।
नये एनएमजीएचएस कोच में निम्न उन्नयन किया गया है।
* एनएमजीएचएस कोच की गति क्षमता 110 किमी प्रति घंटा, जो तेज परिवहन के लिए सक्षम है।
* एनएमजीएचएस कोच का डिजाइन और उन्नयन इस तरह से किया गया है कि इसका उपयोग ऑटोमोबाइल कैरियर के अलावा पार्सल वैन सहित बहुउद्देश्यीय स्टॉक के रूप में भी किया जा सके।
* एनएमजीएचएस कोच में लोडिंग/अनलोडिंग के लिए 1600 मिमी चौड़ाई के 04 दरवाजे बने है। जिसमें बड़े वाहनों जैसे एसयूवी, ट्रैक्टर, टाटा 407 आदि एवं 2-व्हीलर/4-व्हीलर ऑटोमोबाइल वाहनों के परिवहन के लिए सक्षम बनाया है।
* एमएमजीएच में वहन क्षमता को 12 टन से बढ़ाकर 18 टन कर दिया गया है।
* पुराने डिजाइन की तुलना में अधिक सुरक्षित है।
* रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप का प्रावधान किया है।
* आसान पहचान के लिए नई रंग योजना प्रदान की गई है।
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