पुणे में सिम्बायोसिस कॉलेज के एक प्रोफेसर को गिरफ्तार किया गया

Update: 2023-08-04 10:04 GMT

पुणे में हिंदू देवी-देवताओं के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में गुरुवार को एक कॉलेज शिक्षक (प्रोफेसर) को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने भी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कॉलेज के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया।

इस सिलसिले में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें शिक्षक को कथित तौर पर कक्षा में कुछ टिप्पणियां करते हुए देखा जा सकता है। शिक्षक की पहचान अशोक ढोले के रूप में की गई है। वह शहर के सिम्बायोसिस कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स में पढ़ाते थे। कॉलेज ने कहा कि उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. ऋषिकेश सोमन ने मीडिया को बताया कि एक छात्र ने क्लास के दौरान वीडियो बनाया था। उन्होंने कहा, बाद में एक संगठन के कुछ सदस्य वीडियो के साथ हमारे पास आए और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हमने उन्हें निलंबित कर दिया है और यह एक सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज है, इसलिए जांच करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

डेक्कन जिमखाना पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक वीवी हसब्निस ने कहा कि ढोले को भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य) के तहत गिरफ्तार किया गया है और उन्हें शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

कुएं में फंसे चार श्रमिकों को बचाने का अभियान चौथे दिन भी जारी

महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक निर्माणाधीन कुएं में मिट्ठी धंसने के बाद फंसे चार श्रमिकों को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का बचाव अभियान शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह घटना मंगलवार की शाम महाराष्ट्र के पुणे जिले में इंदापुर तहसील के म्हसोबाची वाडी गांव में हुई थी।

अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ के जवान और स्थानीय प्रशासन फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान चला रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, एनडीआरएफ के जवान कुएं में धंसी मिट्ठी और मलबा हटाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। घटनास्थल पर मशीनों की मदद से पूरी रात बचाव अभियान चलाया गया।

अधिकारियों ने बताया कि यह कुआं 100 फुट गहरा है और इसका व्यास 120 फुट है और इस स्थल का उपयोग पहले बालू उत्खनन के लिए किया जाता था। उन्होंने बताया कि यह एक बड़ा कुआं है और निर्माण के दौरान भीतरी कंक्रीट की दीवार धंस गई और मलबा गिरने से कुएं के तल पर काम कर रहे लोग उसमें फंस गए।

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