हत्या के मामले में महीनों बाद आया नया मोड़, अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल लड़की मुकरी

जानिए पूरा मामला।

Update: 2022-01-23 04:26 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली के द्वारका में गत वर्ष जून में एक दंपति पर हुए कातिलाना हमले की घटना ने सनसनी फैला दी थी। इस हमले में युवक की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि गर्दन में गोली लगने से युवती घायल हो गई थी। युवती ने घटना के बाद इस मामले को झूठी शान के लिए हत्या (हॉरर किलिंग) बताते हुए भाई, चाचा और चचेरे भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन सात महीने पुराने इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है। युवती ने अब कहा है कि हमला उसके घरवालों ने नहीं, बल्कि पति की पूर्व प्रेमिका ने कराया था, क्योंकि उसने उससे शादी नहीं की थी।

द्वारका स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस भयावह हादसे का शिकार बनी युवती को गवाही के लिए पेश किया गया। युवती ने आरोपी के रूप में अपने भाई, चाचा और चचेरे भाई को पहचानने से साफ इनकार कर दिया। पीड़िता ने अपने परिवार का बचाव करते हुए कहा कि उसके पति और उस पर हमला होने की वजह पति का पूर्व प्रेम संबंध था।
पीड़िता के अनुसार, पति का शादी से पहले किसी और लड़की से प्रेम संबंध था, जिससे उन्होंने शादी नहीं की थी। इसी गुस्से में उन पर पूर्व प्रेमिका की तरफ से हमला किया गया। अभियोजन पक्ष ने इस बयान के बाद पीड़िता को 'मुकरा गवाह' करार दिया। पीड़िता ने अभियोजन पक्ष की हर दलील को सिरे से खारिज कर दिया।
सुरक्षा के लिए सात महीने से नारी निकेतन में : 25 जून 2021 को हुए हमले के बाद पीड़िता गर्दन में गोली लगने की वजह से कुछ समय अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती रही। वहीं, स्वस्थ होने के बाद उसकी जान को खतरा देखते हुए उसे नारी निकेतन में सुरक्षा के लिहाज से रखा गया। पिछले सात महीने से पीड़िता नारी निकेतन में ही है। अब पीड़िता ने यहां से बाहर निकालने की गुहार लगाई है।
पीड़िता ने द्वारका थाने में दर्ज एफआईआर में कहा था कि उसका पति और वह एक ही गांव और एक ही गोत्र के हैं। दोनों ने अगस्त 2020 में शादी कर ली थी। वे द्वारका के एक गांव में छिपकर रह रहे थे, क्योंकि उन्हें जान का खतरा था। 25 जून 2021 को उसका भाई, चाचा और चचेरा भाई किसी तरह द्वारका स्थित घर तक पहुंच गए और गोली चलानी शुरू कर दी। उसकी गर्दन पर गोली लगी लेकिन उसने भागकर जान बचाई। वहीं, पति भी भागा। उसे पति की हत्या का पता अस्पताल में होश में आने पर लगा।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, दंपति ने हमले के पहले ही जान का खतरा होने का अंदेशा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जताया था। हाईकोर्ट ने सोनीपत पुलिस के विवेक पर निर्णय छोड़ा था। याचिका अगस्त 2020 में दायर की गई थी।


Tags:    

Similar News

-->