परिवार पहचान पत्र को लेकर बनेगा कानून, विधानसभा में आएगा विधेयक, सीएम मनोहर लाल ने की घोषणा

परिवार पहचान पत्र को संवैधानिक दर्जा देने के लिए हरियाणा सरकार कानून बनाएगी।

Update: 2021-08-20 17:19 GMT

 परिवार पहचान पत्र को संवैधानिक दर्जा देने के लिए हरियाणा सरकार कानून बनाएगी। विधानसभा में इसे लेकर विधेयक लाया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को मानसून सत्र के पहले दिन सदन में इसकी घोषणा की। उन्होंने परिवार पहचान पत्र के डाटा की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा की ओर से उठाए गए सवालों का एक-एक कर जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के लिए सरकार की ओर से जुटाया जा रहा डाटा पूरी तरह सुरक्षित है।

हमने आधार नहीं परिवार का डाटा एकत्रित किया है। परिवारों ने अपनी आय इसमें स्वयं घोषित की है, जिसकी पड़ताल सरकार स्तर पर की जा रही है। 18 अगस्त 2021 तक 54 लाख 73 हजार 599 परिवारों के 2 करोड़ 20 लाख 48 हजार 121 व्यक्तियों के परिवार पहचान पत्र में पंजीकरण कर अपनी हस्ताक्षरित सहमति दी है।
उन्होंने कहा कि डाटा का उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जाएगा, न किसी निजी एजेंसी के साथ साझा होगा। डाटा को सरकारी क्लाउड पर सुरक्षित रूप से संग्रहित किया जा रहा है। इस तक सरकार के अलावा कोई और व्यक्ति नहीं पहुंच सकता। सरकार का लक्ष्य 1.80 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों का आर्थिक उत्थान करना है। सर्वे के तहत अब तक 50000 रुपये तक वार्षिक आय वाले 30 हजार परिवार और 1 लाख रुपये तक वार्षिक आय घोषित करने वाले परिवार चिह्नित किए गए हैं। इनकी आमदनी के स्रोत बढ़ाने के लिए छह विभागों की टीम परिवारों से संपर्क कर योजनाएं बना रही हैं।
29 लाख 84 हजार 533 व्यक्तियों वाले 9 लाख 20 हजार 569 परिवारों ने पंजीकरण और परिवार पहचान पत्र में अपना डाटा अपडेट किया है लेकिन हस्ताक्षरित सहमति अभी प्रदान नहीं की है। आय डाटा के लिए सत्यापन प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है। परिवार पहचान पत्र में 54,73,599 परिवारों ने अपने परिवार के 2,20,48,121 व्यक्तियों की आय स्वयं घोषित की है। इनकी कुल आय 1,35,724 करोड़ रुपये है। गणितीय फार्मूले से गणना करे तो प्रति व्यक्ति आय और प्रति परिवार आय 61,558 रुपये और 2,47,962 रुपये है।
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