खूब जमा एक शाम राजसमंद झील के नाम कवि सम्मेलन

Update: 2023-08-28 09:59 GMT
राजसमंद। राजसमंद में झील महोत्सव समिति राजसमंद द्वारा आयोजित 5 दिवसीय झील महोत्सव के चौथे दिन झील परिक्रमा के रात्रि विश्राम के दौरान तासोल गांव में आयोजित कवि सम्मेलन में एक शाम राजसमंद झील के नाम कवियों ने विभिन्न सरस रचनाओं से कवि सम्मेलन को सराबोर कर दिया। आयोजन समिति के सामाजिक कार्यकर्ता गणेश पालीवाल ने बताया कि राजसमंद झील पूजन के बाद झील परिक्रमा ने तासोल में रात्रि विश्राम किया। जहां वरिष्ठ कवि पंडित सुनील व्यास की अध्यक्षता में आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ कवयित्री भावना लोहार ने सरस्वती वंदना है स्वर की देवी मां मेरा कंठ मधुर कर दे से किया।
काव्य पाठ के प्रारम्भ में सभी कवियों का मेवाड़ी परम्परा के अनुसार स्वागत किया गया। कवि सम्मेलन की शुरुआत प्रकाश जांगिड़ प्रांश ने की और 'बहू का बेवजह अपमान मत करो' सुनाकर खूब आनंद बरसाया। कवि गौरव पालीवाल ने अपनी रचना में भगवान द्वारकाधीश और राजसमंद झील का सुंदर वर्णन किया है। जीतेन्द्र पालीवाल ने आजादी की कीमत क्या जाने, वन्देमातरम गाने से भी क्यों शर्म आती है, अपनी रचना से उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया। राजसमंद के महत्व को रेखांकित करते हुए रंजना कुमावत ने धारा लेकर गोमती की एक समुद्र दिया नामक कविता सुनाई। परितोष पालीवाल ने अपने हिंदुस्तान पे हम तो यारों गर्व करेंगे अब तो तिरंगा लहराके चांद पे हम तो यारों गर्व करेंगे अब तो तिरंगा लहराके चांद पे रचना सुनाकर भारत की चांद तक की सफल यात्रा का वर्णन किया।
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