भीख मांगकर गुजारा करने वाला भिखारी इन दिनों चर्चा में, पढ़ें अमीर दिलवाले भिखारी की पूरी स्टोरी
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छिंदवाड़ा: कहते हैं, प्यार..जात-पात,ऊंच-नीच,अमीर-गरीबी, नहीं देखता. एक दिल छू लेने वाली अनोखी प्रेम कहानी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से आई है. जहां पर एक भिखारी पत्नी से प्यार के कारण चर्चा में बना हुआ है. पूरे जिले में दोनों के प्यार की चर्चा जोरों पर है. भीख मांगकर गुजारा करने वाले संतोष ने पत्नी को मोपेड खरीदकर तोहफे में दी है. अब दोनों मोपेड से ही भीख मांगने निकलते हैं.
दरअसल, संतोष साहू और उसकी पत्नी मुन्नी साहू छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा के रहने वाले हैं. संतोष पैरों से दिव्यांग है. वह ट्राइसाइकिल से घूम-घूमकर भीख मांगते हैं और पत्नी मुन्नीबाई उसकी मदद करती हैं.
संतोष साहू ने बताया कि वह खुद ट्राइसाइकिल पर बैठता था और उसकी पत्नी धक्का देती थी. कई बार ऐसी स्थिति आती थी कि सड़क खराब होने पर वजह से पत्नी के लिए ट्राइसाइकिल को धक्का लगाना बेहद मुश्किल हो जाता था. पत्नी की यह परेशानी संतोष से देखी नहीं गई.
इस दौरान कई बार उसकी पत्नी बीमार भी हुई. जिसके इलाज में उसे काफी रुपये खर्च करने पड़े थे. एक दिन एक दिन मुन्नी ने संतोष को मोपेड खरीदने की सलाह दी. मुश्किल हालत को देखते हुए संतोष ने ठान लिया था कि वो हर हाल में वो अपनी पत्नी के लिए मोपेड खरीदेगा.
दोनों बस स्टैंड, मंदिर और दरगाह जाकर भीख मांगते और रोजाना करीब 300 से 400 रुपये कमा लेते थे. साथ ही दोनों को आराम से दो टाइम का खाना भी मिल जाता था. ऐसे पाई-पाई जोड़कर संतोष ने चार साल में 90 हजार रुपये जोड़े और शनिवार को कैश देकर मोपेड खरीद ली.
किसी ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. जिसे खूब पसंद किया जा रहा है. अब पति-पत्नी मोपेड से ही भीख मांगने निकलते हैं.
बता दें कि छिंदवाड़ा की ही गलियों में बार कोड से पैसे लेने वाला भिखारी भी सुर्खियां बटोर चुका है. अब संतोष और मुन्नी के खूब चर्चे हैं.